नीतीश कुमार के द्वारा गठबंधन तोड़े जाने के बाद बीजेपी ने पलटवार किया है। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी और बिहार की जनता के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जनादेश एनडीए को मिला था। विधानसभा चुनाव में 74 सीटें जीतने के बाद भी बीजेपी ने चुनाव पूर्व किया वादा निभाया और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। उन्होंने कहा कि नीतीश का यह फैसला जनादेश के साथ धोखा है।
बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 74 जबकि जेडीयू की 43 सीटें ही मिली थीं। लेकिन नीतीश ही मुख्यमंत्री बने थे।
बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार ने यह फैसला क्यों लिया इसका जवाब वही दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता उनके इस फैसले के लिए उन्हें सबक सिखाएगी।
इस मामले में केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने आज तक से कहा कि नीतीश का यह फैसला ना नीतीश के लिए बेहतर है और ना ही बिहार के विकास के लिए। उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला कोई नहीं कर सकता।
नीतीश के बीजेपी से गठबंधन तोड़ने को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एएनआई से कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बनी थी लेकिन जिस तरह नीतीश कुमार की विश्वसनीयता गिरी है, अगला चुनाव आने तक वह शून्य पर होंगे।
एक जमाने में नीतीश के बेहद करीबी रहे लेकिन कुछ दिन पहले ही जेडीयू से इस्तीफा देने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा है कि बिहार की जनता के द्वारा 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए के पक्ष में दिए गए जनादेश के साथ विश्वासघात किया गया है।
2024 की जंग
महागठबंधन और नीतीश कुमार के साथ आने से निश्चित रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में बदली हुई सियासी तस्वीर देखने को मिलेगी। बीजेपी के पास अब राज्य में कोई बड़ा सहयोगी राजनीतिक दल नहीं है जबकि जेडीयू के पास आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों का सहारा है। ऐसे में बिहार के अंदर 2024 और उसके बाद 2025 के चुनाव में जोरदार सियासी लड़ाई देखने को मिलेगी।
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