जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद का अयोध्या कूच का कार्यक्रम धार्मिक कम राजनीतिक ज़्यादा है। उन्हें कांग्रेस ख़ेमे का संत माना जाता है। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या कूच करने के पीछे उनका मक़सद विहिप विरोधी संतों व संगठनों को जोड़कर विहिप, आरएसएस को राम मंदिर के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा करना ही माना जा रहा है, जिससे कांग्रेस को चुनाव में फ़ायदा पहुँचाया जा सके।