नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) में जिन 19 लाख लोगों के नाम नहीं हैं, उनके पास क्या विकल्प बचे हुए है? वे अब क्या कर सकते हैं और केंद्र और राज्य सरकार उनके साथ क्या कर सकती है?