असम में नागरिकता क़ानून के लगातार विरोध से राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल मुश्किल में हैं। ख़ुद सोनोवाल ने यह बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा, 'मुझे बहिष्कृत न करें, मैं कहाँ जाऊँगा?' शुरुआती दिनों की हिंसा के बाद असम में अब शांति है, लेकिन इसके बाद भी लगातार शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन ने मुख्यमंत्री को भावनात्मक रूप से हिला दिया है। शायद उनको लगता है कि राज्य में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ लोगों के विरोध-प्रदर्शन से उनको काफ़ी नुक़सान पहुँचा है। यही कारण है कि सोनोवाल ने कहा है, 'मैं आपका बेटा हूँ, आपका अंग हूँ। आपने मुझे आपका नेतृत्व करने के लिए चुना है, मैं आपको निराश कैसे कर सकता हूँ? मैंने असम के लोगों के हित से कभी भी समझौता नहीं किया है।' इसको लेकर सोनोवाल ने एक ट्वीट भी किया।