असम में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने फिर से जीत हासिल की है, मगर उसकी जीत का रहस्य क्या है। बीजेपी के नेता दावा कर रहे हैं कि उन्होंने विकास किया है, लोगों ने उसके लिए उसे दोबारा सत्ता सौंपी है, लेकिन क्या इसमें सचाई है और अगर ऐसा है तो क्या वह पहले से ज़्यादा मज़बूत होकर उभरी है? कहीं ऐसा तो नहीं है कि उसकी जीत के पीछे दूसरी वज़हें हों जो विकास के दावे से ढँकी जा रही हैं?
असम में बीजेपी की जीत का रहस्य क्या है?
- असम
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- 3 May, 2021

कांग्रेस के बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ़ के साथ गठबंधन को बीजेपी ने हिंदू-असमिया विरोधी प्रचारित किया जिससे हिंदुत्व के नाम पर तो ध्रुवीकरण हुआ ही असमिया-बंगाली के नाम पर भी मतदाता बँट गए। कांग्रेस के गठबंधन को बहुत शक्तिशाली माना जा रहा था, लेकिन हिंदू-मुसलिम की राजनीति ने उसे कमज़ोर कर दिया।
आइए, इन प्रश्नों के उत्तर तलाशें। इसके पहले यह बता देना ज़रूरी है कि बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए उसी स्तर पर प्रयास किए थे जैसे पश्चिम बंगाल में। यह और बात है कि पूरे देश का ध्यान बंगाल में था इसलिए असम में बीजेपी के प्रचार अभियान पर उतना ध्यान नहीं दिया गया। मगर चाहे वह धन-बल, मीडिया-बल, सरकार-बल का मामला हो या फिर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का, बीजेपी ने असम में भी खेल वही खेला जो बंगाल में।