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लगातार बढ़ती ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए मुस्लिम नेताओं ने सरकारी अधिकारियों से संपर्क किया था। समुदाय के 68 नेताओं के साथ हुई बैठक में मदरसों में शैक्षिक सुधार लाने पर सहमति बनी थी। राज्य में इस्लामी अध्ययन की चार धाराएं चलती हैं। इन तमाम धाराओं के सदस्यों को लेकर एक बोर्ड का गठन किया जाएगा। मदरसों का डेटाबेस तैयार करने के लिए सर्वेक्षण का काम लगभग पूरा हो गया है। इसमें जमीन का ब्योरा, शिक्षकों की संख्या, छात्रों और पाठ्यक्रम शामिल है।
-भास्कर ज्योति महंत, डीजीपी, असम
असम सरकार ने वर्ष 2020 के आखिर में जब सरकारी सहायता से चलने वाले मदरसों और सांस्कृतिक स्कूलों को बंद करने का फैसला किया था तो खासकर मदरसों के मुद्दे पर इस फैसला का काफी विरोध हुआ था। कई संगठनों ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती भी दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने सरकारी आदेश बहाल रखा। उसी आधार पर बीते साल पहली अप्रैल से ऐसे तमाम मदरसे बंद कर दिए गए। अब उनको सामान्य स्कूलों में बदलने की प्रक्रिया चल रही है।
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यह सच नहीं है कि मदरसों में सिर्फ धार्मिक शिक्षा ही दी जाती है. वहां इस्लामिक शिक्षाओं के साथ एक विदेशी भाषा के रूप में अरबी पढ़ाई जाती है। इससे कई छात्रों को डॉक्टर और इंजीनियर बनने में सहायता मिलती है। वह लोग मध्य पूर्व के देशों में रोजगार हासिल करते हैं।
-मौलाना फजल-उल-करीम, जमीयत उलेमा-ए-हिंद
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