गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को बारपेटा की जिला व सेशन कोर्ट से जमानत मिलने के मामले में की गई कुछ टिप्पणियों पर गुवाहाटी हाई कोर्ट ने स्टे लगा दिया है।
मेवाणी जमानत: सेशन कोर्ट की कुछ टिप्पणियों पर हाई कोर्ट का स्टे
- असम
- |
- 3 May, 2022
बारपेटा की अदालत के द्वारा असम पुलिस के कामकाज को लेकर काफी सख़्त टिप्पणियां की गई थीं। जानिए, गुवाहाटी हाई कोर्ट ने अपने फ़ैसले में किन टिप्पणियों पर रोक लगाई और क्या कहा?

बता दें कि असम पुलिस की महिला कर्मचारी के साथ बदसुलूकी के आरोपों के मामले में मेवाणी को गिरफ्तार किया गया था। यह उनकी एक ही हफ्ते के भीतर दूसरी गिरफ्तारी थी। इस मामले में बारपेटा की अदालत ने सख्त टिप्पणियां की थी और मेवाणी को जमानत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे को मैन्युफैक्चर्ड केस बताया था।
बारपेटा की अदालत ने कहा था कि ऐसे हालात में हमारा लोकतंत्र पुलिस स्टेट में बदल जाएगा। अदालत ने कहा था कि असम हाई कोर्ट राज्य में दर्ज हो रहीं फर्जी एफआईआर को लेकर पुलिस को सुधार करने के लिए निर्देश देने पर विचार करे।
असम सरकार ने बारपेटा की अदालत के द्वारा मेवाणी को दी गई जमानत और अपने फैसले में की गई टिप्पणियों को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। असम के एडवोकेट जनरल देबजीत सैकिया ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि बारपेटा की अदालत ने अपने फैसले में कुछ टिप्पणियां की हैं जो असम पुलिस के कामकाज पर असर करती हैं और उसका मनोबल गिराने वाली हैं, इसलिए हमने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी है।