असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची, 2019 से जिनके नामों को बाहर रखा गया, ऐसे 19.06 लाख आवेदकों की नागरिकता की स्थिति एक साल गुजर जाने के बाद भी अधर में लटकी हुई है। सूची से बाहर किए गए लोगों को अस्वीकृति पर्ची जारी करने की प्रक्रिया को कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण स्थगित कर दिया गया था।
असम : एनआरसी से बाहर रह गए लोग झूल रहे हैं अनिश्चितता में
- असम
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- 3 Sep, 2020

पिछले साल 31 अगस्त को एनआरसी प्रकाशन के बाद गृह और विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया था कि सूची में नाम नहीं होने से ही किसी निवासी को 'विदेशी' नहीं माना जा सकता है, और यह निर्णय केवल विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा लिया जा सकता है।