तिरुपति मंदिर के लड्डू में पशु वसा और मछली के तेल के इस्तेमाल का जो आरोप लग रहा है, क्या वह सही नहीं है? मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम यानी टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने दिप्रिंट से कहा है कि 'मिलावटी घी जुलाई में आया था, लेकिन इसका कभी इस्तेमाल नहीं हुआ।' उनका यह बयान तब आया है जब मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के तिरुपति लड्डू में मिलावट के दावे की जांच हो रही है।
टीटीडी का दावा- जुलाई में घी आया था, इस्तेमाल नहीं किया गया; फिर विवाद क्यों?
- आंध्र प्रदेश
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- 22 Sep, 2024
आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में भक्तों को दिए जाने वाले लड्डू को लेकर मचे घमासान के बीच अब मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने चौंकाने वाला दावा किया है। जानिए, उन्होंने क्या कहा।

यह विवाद तब सामने आया है जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पिछली वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने तिरुमाला में लड्डू प्रसादम तैयार करने के लिए घी की जगह पशु की वसा का इस्तेमाल किया था। कथित तौर पर इसकी पुष्टि एक निजी लैब की रिपोर्ट में हुई है। गुजरात में केंद्र द्वारा संचालित राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के पशुधन और खाद्य विश्लेषण और अध्ययन केंद्र या सीएएलएफ़ की प्रयोगशाला की 17 जुलाई की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। इस रिपोर्ट को हाल ही में जारी किया गया है। इसमें कहा गया कि वाईएसआरसीपी के सत्ता में रहने के दौरान प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए घी में पशु वसा पाई गई।