देश की सर्वोच्च अदालत ने एक बार फिर जनहित में ईमानदार आलोचना पर अपना रुख साफ़ किया है। देश की सर्वोच्च अदालत के तीन जजों के अपने आदेश में कहा कि वकील प्रशान्त भूषण के सोशल मीडिया प्लेटफार्म में लिखे गये दो ट्वीट से भारत के करोड़ो लोगों के मनमस्तिष्क में सुप्रीम कोर्ट के प्रति सम्मान और विश्वास पर गहरा आघात पहुँचा है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश यहाँ तक कहता है कि अगर देश की सर्वोच्च अदालत कोई कार्रवाई नहीं करती है तो निचली अदालतों में बैठे जजों पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा।