समझौता कांड के सिलसिले में अपनी गिरफ़्तारी के तुरंत बाद असीमानंद ने सीबीआई को जो जानकारियाँ दी थीं और मजिस्ट्रेट के सामने जो बयान दिया था, उसमें आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार का भी ज़िक्र था। इस कारण इंद्रेश कुमार उनसे नाराज़ भी थे।
समझौता ब्लास्ट, किस्त 3: असीमानंद : भागवत का था आशीर्वाद
- विश्लेषण
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- 29 Mar, 2019

समझौता ब्लास्ट मामले में स्वामी असीमानन्द को 'क्लीट चिट' मिल गई है। सरकार अदालत के फ़ैसले को चुनौती नहीं देगी। ऐसा क्यों है कि मोदी सरकार के आने के बाद से आतंकवाद से जुड़े कुछ ख़ास मामलों में, जिनमें आरएसएस से जुड़े लोगों के नाम हैं, प्रमुख अभियुक्त बरी हो रहे हैं। 'सत्य हिन्दी' ने इस मामले की गहरी पड़ताल की और लंबी रिपोर्ट तैयार की है। इसकी पहली और दूसरी किस्त प्रकाशित की जा चुकी है और अब पेश है तीसरी किस्त।
बाद में असीमानंद भले ही अपने बयान से पलट गए लेकिन इंद्रेश कुमार का इन आतंकवादी हमलों में क्या रोल था, इसके बारे में उन्होंने कैरवैन की पत्रकार लीना गीता रघुनाथ के साथ बातचीत में काफ़ी विस्तार से बताया है। और इंद्रेश कुमार ही नहीं, बल्कि संघ प्रमुख मोहन भागवत का भी नाम लेते हुए असीमानंद ने कहा कि इन दोनों को पता था कि वे और उनके साथी क्या कर रहे हैं। दोनों ने उनके काम को सही और ज़रूरी बताया, लेकिन यह भी स्पष्ट कह दिया कि इस काम में संघ किसी तरह से जुड़ा नहीं रहेगा।
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश