दो दिन के इस सम्मेलन में सबसे बड़ा सवाल भी यही है कि ये गठबंधन तो बन गया है लेकिन क्या ये गठबंधन यानि इंडिया जमीन पर भारत को अपने साथ जोड़ने में कामयाब होगा या नहीं. दो दिन के मंथन में ये बात जो जरुर दिखी कि अभी दल मिल गये और दिल मिलने का काम हो रहा है. अभी गठबंधन पर सहमति मिलती दिखायी दे रही है और अगर ये आगे सचमुच जमीन पर भी मिलने में कामयाब हो गये तो एनडीए यानि मोदी सरकार को बहुत बड़ी चुनौती मिल सकती है.