इस चुनाव में दो दलों की राष्ट्रीय स्तर पर छाप रही। पर जीतने वाले दलों में इनके अलावा 46 अन्य दल एवं निर्दलीय भी रहे। सबसे रोचक तथ्य ये है कि भाजपा और कांग्रेस को मिलाकर 60% से कम वोट मिले। इसका सीधा अर्थ ही है कि 40% से ज़्यादा जनता सत्ता को अपने से दूर देने के बजाए अपने से नजदीक रखने के लिए वोट करती है।