इस चुनाव में दो दलों की राष्ट्रीय स्तर पर छाप रही। पर जीतने वाले दलों में इनके अलावा 46 अन्य दल एवं निर्दलीय भी रहे। सबसे रोचक तथ्य ये है कि भाजपा और कांग्रेस को मिलाकर 60% से कम वोट मिले। इसका सीधा अर्थ ही है कि 40% से ज़्यादा जनता सत्ता को अपने से दूर देने के बजाए अपने से नजदीक रखने के लिए वोट करती है।
बीजेपी-कांग्रेस को 60% से भी कम वोट मिले, 40% जनता क्या चाहती है?
- विश्लेषण
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- 10 Jun, 2024

2024 के चुनाव में 100 करोड़ लोगों ने सामूहिक इच्छाशक्ति की अभिव्यक्ति दी। लेकिन इस अभिव्यक्ति के मायने क्या हैं?
2024 के चुनाव में भाजपा ने खुलकर विस्तारवादी रुख अपनाया और कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों को जगह दी। नतीजों में 2019 की तुलना में कांग्रेस को 2% वोट और क़रीब 55 सीटें बढ़ीं तथा भाजपा का 2% वोट और 65 सीटें घटीं। ये तथ्य भी इसी ओर इशारा करता है कि जनता विस्तारवादिता को नकारती है।