मृत्यु जीवन को खाती है लेकिन ‘असमानता’ पीढ़ियों को खाने का काम करती है। जो सरकार असमानता रोक पाने में असफल रहती है वो धीरे-धीरे एक राष्ट्र को खत्म करती जाती है। वहाँ अगर कुछ बचता है तो कुछ अमीरों की ऊँची ‘चौकियाँ’ जहां से बैठकर वो सिर्फ़ सैकड़ों मील तक फैला सन्नाटा देख पाते हैं, इसके अतिरिक्त कुछ नहीं। यदि विक्टोरिया वुडहुल के शब्दों में समझें तो “यह संघर्षरत जनता ही है जो देश की नींव है; और यदि नींव सड़ी हुई या असुरक्षित है, तो बाकी संरचना अंततः ढह जाएगी।” विक्टोरिया 1872 में संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने वाली पहली महिला थीं।