पहले लोकसभा में और फिर स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार अपनी सरकार बनाने का दावा करके साफ संकेत दे दिया है कि अपनी तीसरी जीत के लिए मोदी के नेतृत्व में भाजपा वो सारे राजनीतिक प्रयास करेगी जो चुनाव जीतने और सरकार बनाने के लिए करना जरूरी होगा। दो बार भारतीय लोकतंत्र के दोनों सबसे बड़े मंचों से प्रधानमंत्री मोदी का ये दावा विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए चुनौती भी है और चेतावनी भी। अब मोदी को हटाने के लिए एक साथ आए इंडिया गठबंधन के कांग्रेस समेत 26 दल और उनके नेता मोदी के इस अति विश्वास का मुक़ाबला क्या लोकसभा चुनावों में भी अपने उसी हौसले से करेंगे जैसे ये दल अपने-अपने राज्यों के विधानसभा चुनावों में करते आए हैं। क्योंकि यह कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी का जादू कई बार राज्यों की विधानसभा चुनावों में भले ही उतना नहीं चल पाया जितना लोकसभा चुनावों में अब तक चला है।
अगर बीजेपी विधानसभा चुनावों में पिटी तो 2024 की लड़ाई मुश्किल होगी!
- विश्लेषण
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- 17 Aug, 2023

लोकसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री मोदी इतने आश्वास्त क्यों नज़र आ रहे हैं? और चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के हौसले इतने बुलंद क्यों है? जानिए, किसका पलड़ा भारी है।
सदन में बहस के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों और सवालों का जवाब देते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अपने संबोधन में कहा कि 2024 में वह तीसरी बार लगातार अपनी सरकार बनाएंगे और विपक्ष अगली बार 2028 में जब अविश्वास प्रस्ताव लाए तो पूरी तैयारी से लाए। यह उनका आत्मविश्वास ही है जो न सिर्फ भाजपा बल्कि पूरे एनडीए को ताकत देता है। वहीं अपनी सदस्यता बहाल होने के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी मणिपुर की हिंसा को भारत माता पर हमला बताते हैं तो यह उनका हौसला ही है कि वह राष्ट्रवाद की उस पिच पर बैटिंग करने जा रहे हैं जिस पर भाजपा और पूरा संघ परिवार अपना एकाधिकार समझता है।