हमें देश में संसदीय प्रजातंत्र को क़ायम रखना है तो यह प्रावधान लागू करना होगा कि यदि कोई विधायक या सांसद दल बदल विरोधी क़ानून के अंतर्गत अयोग्य घोषित होता है तो उसकी अगले 5 वर्षों तक नियुक्ति नहीं होनी चाहिये।
कोरोना वायरस की महाआपदा ने देश की न्यायिक व्यवस्था को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर दिया है। भले ही अभी इस तरफ़ बहुत कम लोगों का ध्यान गया है लेकिन आने वाले समय में इस क्षेत्र में आपको व्यापक परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताया था, इसके बाद से ही न्यायाधीशों के आचरण को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।