"जब एक न्यायाधीश, सरकार के मुखिया की तारीफ करता है, तो वह न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर बेवजह का संदेह उत्पन्न करता है!"। दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ए.पी. शाह का यह कथन हाल ही में देश के सर्वोच्च न्यायालय के जजों की वरिष्ठता में तीसरे क्रम पर आने वाले न्यायाधीश अरुण मिश्रा के उस कथन पर बिलकुल सटीक बैठता है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न केवल जमकर तारीफ़ की, बल्कि उन्हें "बहुमुखी प्रतिभा के धनी" तथा "वैश्विक नजरिये को स्थानीय स्तर पर निष्पादित करने वाले व्यक्ति" क़रार दिया।
जजों द्वारा नेताओं के महिमामंडन से न्यायपालिका के ध्वंस होने का ख़तरा?
- विचार
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- 1 Mar, 2020

न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताया था, इसके बाद से ही न्यायाधीशों के आचरण को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।