अमेरिका और चीन ऐसे मुहाने पर खड़े हैं जहाँ से एक रास्ता युद्ध की तरफ़ जाता है तो दूसरा उससे बचते हुए आगे बढ़ने का। तो अमेरिका कौन सा रास्ता चुनेगा? यही सवाल अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर उठ रहा है। बाइडन प्रशासन और उनका रक्षा विभाग पेलोसी को उनकी यात्रा के परिणामों के प्रति आगाह कर रहा है, लेकिन ताक़तवर लोगों के क्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के बाद आने वाली स्पीकर नैंसी पेलोसी अब तक झुकती हुई नज़र नहीं आ रही हैं।