कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
पीछे
कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
पीछे
पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
आगे
ईडी ने शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ़्तार किया है। राउत के ही परिवार के कई लोगों के ख़िलाफ़ मामले हैं। खुद उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार और उनके क़रीबी भी निशाने पर हैं। तो क्या राउत के बाद उनकी बारी भी आएगी?
इस सवाल का जवाब तो सरकार और उसकी एजेंसियाँ इस रूप में दे सकती हैं कि यह सबूतों पर निर्भर करेगा। लेकिन पिछले कुछ महीनों में पूर्ववर्ती महा विकास अघाडी यानी एमवीए गठबंधन सरकार में शामिल दलों के नेताओं पर जिस तरह से कार्रवाई हुई उससे भी इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है। नवंबर 2019 में जब उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो ऐसी स्थिति की कल्पना भी नहीं की होगी जैसी कि आज है।
उद्धव के सामने अब चुनौती शिवसेना को पार्टी के रूप में अपने पाले में बचाए रखने की है। उनकी पार्टी के ही बाग़ी एकनाथ शिंदे के साथ अधिकतर विधायक चले गए हैं। अधिकतर सांसद भी शिंदे खेमे के साथ हैं। पार्टी पर एकाधिकार का मामला कोर्ट में लंबित है। राउत जेल में हैं। खुद उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार और क़रीबी कई मामलों में फँसे हैं।
ये सब मामले आख़िरी के कुछ महीनों में सामने आए, लेकिन इसकी शुरुआत पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में तब हो गई थी जब उद्धव ठाकरे सरकार में शामिल एनसीपी के नेता और तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख को ईडी ने गिरफ़्तार किया था।
अनिल देशमुख उस समय सीबीआई और ईडी के निशाने पर आए थे जब मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर मुंबई के पब, रेस्टोरेंट और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आरोप लगाए थे।
ईडी ने देशमुख को पिछले साल नवंबर में गिरफ़्तार किया था, लेकिन बाद में इस साल अप्रैल में भ्रष्टाचार के आरोपों में उनको सीबीआई ने गिरफ़्तार कर लिया।
अनिल देशमुख अभी जेल में ही थे कि तत्कालीन मंत्री नवाब मलिक भी ईडी के निशाने पर आ गए। लंबी पूछताछ के बाद उन्हें ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ़्तार कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय की जाँच में यह सामने आया है कि नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम के क़रीबी से करोड़ों रुपए की जमीन को काफी सस्ते दामों में खरीद लिया था जिसके बाद ईडी ने उन पर शिकंजा कसा।
मलिक इस मामले में तब फँसे जब शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान का केस सामने आया था। आर्यन खान को जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार किया था तो नवाब मलिक न केवल समीर वानखेड़े और एनसीबी पर हमलावर थे बल्कि उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी इसमें घसीट लिया था। देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों पर सफाई देते हुए कहा था कि नवाब मलिक ने तो झूठे आरोप लगाए हैं लेकिन वह नवाब मलिक के डी कंपनी के साथ संबंध रखने का खुलासा ज़रूर करेंगे। इसके बाद फडणवीस ने आरोप लगाया कि नवाब मलिक ने 1993 बम धमाकों के दो आरोपियों से कुर्ला इलाक़े में तकरीबन तीन एकड़ ज़मीन खरीदी थी। इसी के बाद नवाब मलिक जेल में हैं।
इसी बीच शिवसेना के नेताओं और उनके क़रीबियों पर कार्रवाई शुरू की गई। उद्धव ठाकरे और संजय राउत दोनों के क़रीबियों पर भी।
अप्रैल में ईडी ने जांच के तौर पर ही संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके दो सहयोगियों की 11.15 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच की थी। उन संपत्तियों में वर्षा राउत के दादर में एक फ्लैट और अलीबाग में किहिम समुद्र तट पर आठ भूखंड शामिल हैं, जो संयुक्त रूप से वर्षा राउत और संजय राउत के करीबी सहयोगी सुजीत पाटकर की पत्नी स्वप्ना पाटकर के पास हैं।
एजेंसी संजय राउत से प्रवीण राउत और पाटकर के साथ उनके 'व्यापार व अन्य संबंधों' के बारे में और उनकी पत्नी से जुड़े संपत्ति सौदों के बारे में जानना चाहती है। फरवरी में प्रवीण राउत को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने कहा था कि वह किसी प्रभावशाली व्यक्ति (व्यक्तियों) के साथ मिलीभगत में काम कर रहे हैं।
प्रवीण राउत को गोरेगांव क्षेत्र में पात्र चॉल के पुनर्विकास से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले से जुड़ी जांच में गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत पीएमसी मनी लॉउंड्रिंग मामले में भी आरोपी बनाई गई हैं और ईडी उनसे पूछताछ कर चुकी है। तभी राउत ने कहा था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ठाकरे के बहनोई पर कार्रवाई के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर बीजेपी महाराष्ट्र की सत्ता पाने के लिए उन्हें जेल में डालना चाहती है तो वो उन्हें बेशक जेल भेज दे। तब उद्धव ने कहा था, 'अगर आप सत्ता में आना चाहते हैं तो सत्ता में आएँ। लेकिन सत्ता में आने के लिए ये सब ग़लत काम न करें। हमारे या किसी और के परिवार को परेशान न करें। हमने आपके परिवार के सदस्यों को कभी परेशान नहीं किया।'
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें