रूस के हमले से जितना जख्मी यूक्रेन हुआ है उससे अधिक ज़ख्म उसे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की इस घोषणा से हुआ है कि नाटो की सेना यूक्रेन नहीं जाएगी। इसका मतलब साफ़ है कि यूक्रेन को रूस से अकेले ही लड़ना होगा। पहले ही दिन जिस तरीक़े से 203 हमले यूक्रेन ने झेले हैं उसे देखते हुए यह तय है कि रूस के सामने वह टिकने वाला नहीं है।
दुनिया ने कैसे यूक्रेन को अकेला छोड़ा, कमजोर देशों के लिये ख़तरनाक संदेश
- दुनिया
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- 25 Feb, 2022

यूक्रेन पर रूस के हमले और इस पर अमेरिका व नाटो की प्रतिक्रिया का क्या संदेश है? क्या कमजोर देश ताक़तवर राष्ट्रों से कुछ उम्मीद कर सकते हैं?
अमेरिका ने रूस को ख़ूब कोसा, निन्दा की और कई तरह के आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन को बुरे अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी। एक दिन बाद नाटो की बैठक में सख़्त प्रतिबंध और रूस की आर्थिक घेराबंदी जारी रखने का एलान भी जो बाइडेन ने किया। जी-7 देशों की ओर से आर्थिक प्रतिबंध कड़े करने के फ़ैसले की जानकारी जो बाइडेन ने दी।