यूक्रेन को दक्षिणी क्षेत्र में रूसी फौजों के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है। उसने कई गांवों को फिर से अपने कब्जे में ले लिया है। नीप्रो नदी के किनारे के क्षेत्रों पर कब्जा करके उसने एक पूरी सप्लाई लाइन काट दी है। इस बीच यह भी खबर है कि रूस ने सेना का एक बड़ा दस्ता यूक्रेन के लिए रवाना किया है, लेकिन इस बारे में अभी कोई घोषणा नहीं की गई है।
रॉयटर्स की खबर जिसे अधिकांश भारतीय मीडिया में लिया गया है के मुताबिक यूक्रेन की ओर से दक्षिणी क्षेत्रों पर कब्जे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन रूसी सूत्रों ने स्वीकार किया कि एक यूक्रेनी टैंक दस्ता नीप्रो नदी के पश्चिमी तट के साथ दर्जनों किलोमीटर आगे बढ़ गया है। उसने रास्ते में कई गांवों पर फिर से कब्जा कर लिया है। रूस ने इन इलाकों को अपना क्षेत्र घोषित कर रखा है।
हालांकि यूक्रेन की ओर से दक्षिणी क्षेत्रों पर कब्जे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन रूसी सूत्रों ने स्वीकार किया कि एक यूक्रेनी टैंक दस्ता दनिप्रो नदी के पश्चिमी तट के साथ दर्जनों किलोमीटर आगे बढ़ गया है। उसने रास्ते में कई गांवों पर कब्जा कर लिया था।
इधर, यूक्रेन ने कई सफलताएं हासिल कर मॉस्को को अपनी रणनीति फिर से बनाने पर मजबूर कर दिया है। रूस के मित्र देशों ने उसे हल्के परमाणु हमले की सलाह दी है।
यूक्रेन के खेरसॉन प्रांत के कब्जे वाले हिस्सों में रूस द्वारा स्थापित नेता व्लादिमीर साल्डो ने रूसी टीवी पर कहा, सूचना तनावपूर्ण हैं। हां, उन्हें वास्तव में सफलताएं मिलीं हैं। उन्होंने कहा कि दुडचानी जो ठीक दनिप्रो नदी के किनारे है, यूक्रेन को उस क्षेत्र में सफलता मिली है। वहां ऐसी बस्तियां हैं जिन पर यूक्रेनी बलों का कब्जा है।
यूक्रेन के गृह मंत्रालय के सलाहकार एंटोन गेराशचेंको ने यूक्रेनी सैनिकों की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें उनके झंडे के साथ एक परी की सुनहरी मूर्ति लिपटी हुई थी। उन्होंने कहा कि यह पिछले मोर्चे से करीब 20 किमी दूर मिखाइलिवका गांव है। जहां हम फिर से मौजूद हैं।
दुडचानी में दनिप्रो नदी के किनारे यूक्रेनी फौज के पहुंचने से वहां से जाने वाली सप्लाई लाइन अब रुक जाएगी। उसके आगे फंसी रूसी फौजों तक अब सप्लाई नहीं पहुंच पाएगी। यह इलाका रूसी फौजों से 30 किलोमीटर की दूरी पर है। यूक्रेन के कुछ अधिकारियों ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है लेकिन अधिकृत तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई है।
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