यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शनिवार को आरोप लगाया कि रूस ने शनिवार को उसके बुनियादी ढांचे पर 36 मिसाइलों से बड़ा हमला किया है। बीबीसी समेत तमाम पश्चिमी मीडिया ने इस हमले की पुष्टि की है। रॉयटर्स और एएफपी ने खौफनाक मंजर की भयावह तस्वीरें जारी की हैं।
शनिवार को यूक्रेन के पश्चिम में वोलिन से लेकर दक्षिण-पूर्व में ज़ापोरिज़्ज़िया तक के क्षेत्रों में बिजली सुविधाओं पर हमले की सूचना आती रही। यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर शनिवार को फिर से हुए बड़े हमले ने उसको तबाह कर दिया है। करीब 1.5 मिलियन या उससे अधिक लोग बिना बिजली के रह गए। राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस ने रात में "भारी हमला" किया, जिसमें लगभग 36 मिसाइलें दागी गईं। जिनमें से अधिकांश को रोक दिया गया।
एयर अलार्म, जो आसपास के क्षेत्र में संभावित मिसाइलों का संकेत देता है, देश भर में कई बार दक्षिण-पश्चिम में ट्रांसकारपाथिया क्षेत्र से लेकर खार्किव तक, उत्तर-पूर्व में 1,000 किलोमीटर से अधिक, खेरसॉन इलाके में कई बार बजा।
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हालांकि यूक्रेन का दावा है कि 18 लंबी दूरी की कुछ मिसाइलों को कथित तौर पर मार गिराया गया था। इस बीच विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा सहित कई यूक्रेनी अधिकारियों ने बेहतर वायु रक्षा प्रणालियों के लिए सहयोगियों को कॉल किया। अधिकारियों ने कहा कि कई क्षेत्र अब ब्लैकआउट का सामना कर रहे हैं, और कई में अस्थायी रूप से पानी की आपूर्ति भी बंद हो जाएगी।
यूक्रेन के राष्ट्रीय पावर ग्रिड ऑपरेटर उक्रेनेर्गो ने कहा कि ऊर्जा के बुनियादी ढांचे पर दबाव कम करने के लिए राजधानी, कीव और कम से कम दस अतिरिक्त क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति को सीमित कर देगा। इस सप्ताह की शुरुआत में ज़ेलेंस्की ने कहा था कि हाल के हमलों ने यूक्रेन के लगभग एक-तिहाई बिजली स्टेशनों को क्षतिग्रस्त कर दिया है।
यूक्रेन पर रूस के हमले को आठ महीने पूरे होने में सिर्फ दो दिन कम हैं। पिछले दो हफ्तों में बिजली और हीटिंग सुविधाओं सहित नागरिक सुविधाओं वाले बुनियादी ढांचे पर हमले किए गए हैं। यूक्रेन में सर्दी बढ़ती जा रही है और इसी के साथ बिजली से आम लोग वंचित होते जा रहे हैं।
ज़ेलेंस्की के एक शीर्ष सहयोगी मायखाइलो पोडोलीक ने कहा कि रूस यूक्रेनियन लोगों को उनके घरों से खदेड़कर यूरोप के लिए एक नया शरणार्थी संकट खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। पोडोलीक ने कहा कि पुतिन अपनी योजना को लागू करने में सक्षम होंगे या नहीं यह यूरोपीय राजधानियों के नेताओं पर निर्भर करता है।
रूस की सेना के एक नए कमांडर, वायु सेना के जनरल सर्गेई सुरोविकिन की नियुक्ति के बाद यूक्रेन के बड़े बिजली संयंत्रों पर हमले बढ़े हैं।
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