तालिबान ने राजधानी काबुल में पाकिस्तान के हस्तक्षेप के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे दर्जनों अफ़ग़ानों पर गोलियाँ चलाई हैं। ये गोलियाँ भीड़ तितर-बितर करने के लिए हवा में चलाई गईं।
समाचार एजेन्सी 'एएफ़पी' ने यह जानकारी दी है। उसका कहना है कि उसके रिपोर्टर ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबान लड़ाकों को गोलीबारी करते हुए देखा है।
लगभग 70 लोगों ने काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। इनमें अधिकांश महिलाएँ थीं। इन्होंने हाथ में तख्तियाँ ले रखी थीं और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नारेबाजी कर रही थीं। इनका कहना था पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करे।
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नारेबाजी
बीबीसी संवाददाता ने ख़बर दी है, "काबुल में लगभग 1,000 पुरुष और महिलाएँ इकट्ठा हैं। वे पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान ने पंजशीर में तालिबान का समर्थन किया है। प्रदर्शनकारियों में कुछ आईएसआई चीफ़ की काबुल यात्रा का भी ज़िक्र कर रहे हैं। कुछ महिलाओं के अधिकारों की भी बात कर रहे हैं। जिस जगह पर ये विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वहाँ तालिबान के लड़ाके भी मौजूद हैं।"'पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान छोड़ो'
बीबीसी का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने 'अल्लाहू अकबर', 'हमें एक ख़ुदमुख़्तार मुल्क चाहिए', 'हमें पाकिस्तान की कठपुतली सरकार नहीं चाहिए', 'पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान छोड़ो' जैसे नारे लगाए।#Afghanistan: Women protest against the #Taliban in Kabul: Today's slogan: "Freedom, liberty is our ultimate right”, “Women right is human rights."
— Fazila Baloch🌺☀️ (@IFazilaBaloch) September 6, 2021
More power to Afghan women💪. pic.twitter.com/IX814FRnjd
विद्रोह की अपील
इसके पहले यानी सोमवार रात काबुल से सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो पोस्ट किए गए, जिनमें 'राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा ज़िंदा रहे' और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाते हुए सुना जा सकता है।
नेशनल रेजिस्टेन्स फ्रंट ऑफ़ अफ़ग़ानिस्तान के नेता अहमद मसूद ने सोमवार को एक ऑडियो संदेश भेजकर अफ़ग़ान लोगों से पूरे अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के ख़िलाफ़़ एक संयुक्त राष्ट्रीय विद्रोह शुरू करने की अपील की थी।
मसूद ने काबुल और मज़ार-ए-शरीफ़ में महिलाओं के विरोध को इस प्रतिरोध का उदाहरण बताया था।
मज़ार-ए-शरीफ़ में भी प्रदर्शन
इसके एक दिन पहले यानी सोमवार को अफ़ग़ानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर मज़ार-ए-शरीफ़ में महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ़ प्रदर्शन किया था।
इसी दिन हेरात में भी अफ़ग़ान महिलाएँ सड़कों पर उतर आई थीं और तालिबान के ख़िलाफ़ जम कर नारेबाजी की थीं।
पाकिस्तान से गुस्सा क्यों?
पड़ोसी देश पाकिस्तान के ख़िलाफ़ गुस्से की तात्कालिक वजह पाक खुफ़िया एजेन्सी आईएसआई के प्रमुख फ़ईज़ हमीद की काबुल यात्रा है। उन्होंने काबुल में तालिबान के कई नेताओं से मुलाक़ात की और सरकार बनाने को लेकर विचार विमर्श किया।
अफ़ग़ानिस्तान के लोगों को यह नागवार गुजर रहा है कि कोई दूसरा देश उनके यहाँ सरकार तय करे और उनका भाग्य विधाता बन जाए।
याद दिला दें कि राजधानी पर तालिबान के नियंत्रण के दूसरे ही दिन काबुल में कुछ महिलाएँ सड़क पर आ गईं और तालिबान लड़ाकों के सामने जाकर प्रदर्शन किया। उनके हाथ में पश्तो में लिखी तख्तियाँ थीं।
हालांकि उस समय तालिबान लड़ाकों ने बुद्धिमानी दिखाई और उन पर गोली नहीं चलाई थी, पर यह साफ हो गया कि लोग उन्हें नापसंद करते हैं।
इसके बाद मज़ार-ए-शरीफ़, हेरात, ननगरहार, जलालाबाद और काबुल में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए थे। जलालाबाद में तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान का राष्ट्रीय झंडा उतार कर अपना झंडा लगा दिया तो लोगों ने उनके ख़िलाफ़ नारेबाजी की थी। तालिबान लड़ाकों ने हवा में फ़ायरिंग कर दी थी।
इसके बाद हेरात, काबुल और कुछ दूसरे शहरों में आम नागरिकों ने कई जगहों पर तालिबान का झंडा उतार कर वहाँ राष्ट्रीय झंडा लगा दिया था।
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