अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी सत्ता के सबसे बड़े दावेदार मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर तालिबान के ही सहयोगी हक्कानी नेटवर्क के साथ संघर्ष में घायल हो गए। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यह संघर्ष कथित तौर पर उस शुक्रवार को ही हुआ जिस दिन की नमाज़ के बाद सरकार गठन की घोषणा होने वाली थी। तब ख़बर आई थी कि सरकार गठन की घोषणा अब बाद में की जाएगी। समझा जाता है कि अफ़ग़ानिस्तान में सरकार के प्रमुख पद को लेकर तालिबान के ही गुटों में संघर्ष है और इन्हीं वजहों से सरकार गठन में देरी हो रही है। तालिबान से जुड़ी इस ख़बर को तब और बल मिला जब पाकिस्तान की ख़ुफिया एजेंसी के प्रमुख फैज़ हमीद शनिवार को अचानक काबुल पहुँच गए। समझा जाता है कि फैज़ तालिबान के गुटों में अंदरुनी क़लह को शांत कराने पहुँचे हैं।