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पूर्णिमा दास
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जिस अमेरिका में पहले चरण के संक्रमण के दौरान कोरोना महामारी की चपेट में आकर कई लाख लोग मारे गए थे और हाहाकार मच गया था, वहाँ आज बड़ी तादाद में लोग मास्क लगाने से इनकार कर रहे हैं। वे इसे अपनी आज़ादी का उल्लंघन बता रहे हैं।
फ़िलहाल अमेरिका में स्थिति 2020 की तरह भयानक नहीं है, पर कोरोना वायरस के नए और घातक डेल्टा वैरिएंट की चपेट में बड़ी आबादी है।
इसके बावजूद विपक्षी दल रिपब्लिकन पार्टी के कई गवर्नरों ने मास्क का विरोध किया है, उन्होंने कहा है कि वे न तो ख़ुद मास्क लगाएंगे न ही अपने राज्य में इसे अनिवार्य करेंगे।
रिपब्लिकन पार्टी ने इसे निजी आज़ादी से जोड़ दिया है और कह रही है कि मास्क लगाना या न लगाना किसी की निजी पसंद है और किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता है।
मास्क लगाना अनिवार्य घोषित करना निजी आज़ादी का उल्लंघन है और वे इसका विरोध करते हैं।
फ़्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैन्टिस रिपब्लिकन पार्टी के हैं। उन्होंने कहा है कि उनका प्रशासन मास्क लगाने को अनिवार्य घोषित नहीं करेगा और स्कूलों में भी इसे लागू करने को नहीं कहेगा। इतना ही नहीं, उन्होंने इस मुद्दे पर अदालत जाने की धमकी दी है।
टेक्सस के ग्रेग अबॉट ने तो कोरोना टीका लगाने पर भी रोक लगा दी है।
साउथ डकोटा की गवर्नर क्रिस्टी नोएम ने लॉकडाउन का विरोध किया है और इसे लागू नहीं करने का एलान कर दिया है।
कुछ दिन पहले ही लोगों की भीड़ बढ़ने के बाद कोरोना संक्रमण के मामले भी बढ़ने लगे। लेकिन क्रिस्टी नोएम इस पर चिंतित नहीं हैं। वह डेमोक्रेटस पर हमला करते हुए कहती हैं, "ये वामपंथी हम पर मौत चुनने का आरोप लगाते हैं, पर हम लोगों की इच्छा पर छोड़ दे रहे हैं कि वे जैसा चाहें, करें।"
इन कुछ उदाहरणों से पता चलता है कि कोरोना वायरस रोकथाम बनाम व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मुद्दे पर अमेरिका की राजनीति किस तरह बँटी हुई है। कोरोना से होने वाली मृत्यु को लोग निजी आज़ादी पर अंकुश लगाने को राजनीतिक रूप से कम ख़तरनाक मान रहे हैं।
अबॉट के राजनीतिक सहयोगी और टेक्सस से सीनेटर टेड क्रूज़ ने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' से कहा, "स्वतंत्रता अच्छी नीति और अच्छी राजनीति है।"
उन्होंने इसके पहले मास्क लगाने को ज़रूरी बनाने के नियम को ख़त्म करने और वैक्सीन लिए हुए लोगों को ही वीज़ा देने के नियमों को ख़त्म करने के लिए सीनेट में एक विधेयक पेश किया है।
रॉन डीसैन्टिस और ग्रेग अबॉट अगले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के लिए मजबूत दावेदारों में माने जाते हैं और ये दोनों ही हर हाल में निजी आज़ादी को कोरोना पर तरजीह दे रहे हैं।
डीसैन्टिस मास्क को ज़रूरी बनाने का विरोध करने वालों का प्रतीक बन गए हैं। उनके शिक्षा मंत्री ने उन दो ज़िलों के स्कूलों का फंड रोक दिया है, जहां मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि ज़्यादातर रिपब्लिकन गवर्नरों ने ख़ुद कोरोना टीका लगवाया है और दूसरों को भी ऐसा ही करने की सलाह दी है, पर वे कोरोना टीका और मास्क को अनिवार्य करने का विरोध कर रहे हैं।
'न्यूयॉर्क टाइम्स' का कहना है कि इसकी वजह राजनीतिक है, ये लोग वही कर रहे हैं जो इनके मतदाता चाहते हैं। टीका, मास्क और इनसे जुड़े क़ानून आपस में गुंथे हुए हैं कई जगहों पर सांस्कृतिक मुद्दा बन चुके हैं जहां लोग नहीं चाहते कि उन्हें इसके लिए मजबूर किया जाए।
वे 'मेडिकल फ्रीडम' गंवाना नहीं चाहते हैं और उन्हें डर है कि इसके ज़रिए उनकी सांस्कृतिक स्वतंत्रता में कटौती करने की कोशिश की जा रही है।
ये रिपब्लिकन गवर्नर इसके ख़िलाफ़ हैं कि उनके राज्य पर संघीय फ़ैसला थोपा जाए, यह उनकी आज़ादी के खिलफ़ है। रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के रहते जो आज़ादी उन्हें मिली थी, वे उस पर समझौता नहीं करना चाहते।
राष्ट्रपति के मेडिकल सलाहकार और विशेषक्ष डॉक्टर एंथनी फ़ॉची के विरोध में इन जगहों पर जनमत बन रहा है। 'डोन्ट फ़ॉची माइ फ्लोरिडा' कैंपेन चल पड़ा और इस नाम से कई चीजें बेची गईं, जिन्हें लोगों ने हाथों हाथ लिया।
रिपब्लिकन नेता लैरी होगान उस मेरीलैंड राज्य के गवर्नर हैं, जहाँ डेमोक्रेट्स का बोलबाला है। उन्होंने अस्पताल के नर्सों व दूसरे कर्मचारियों के लिए कोरोना टीका लगवाना अनिवार्य कर दिया।
उन्होंने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' से कहा, "मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि मेरे कुछ सहयोगी यह अनिवार्य क्यों कर दे रहे हैं कि मास्क नही लगा सकते या टीका लगवाने का फ़ैसला वे खुद नहीं ले सकते या स्कूल अपना फ़ैसला खुद क्यों नहीं ले सकते। और तब वे आज़ादी की बात करते हैं, मेरे समझ में यह बात नहीं आ रही है।"
इन दिनों जिन 10 राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सबसे ज़्यादा है, उनमें से नौ ने पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार को वोट दिया था और इन नौ राज्यों में रिपब्लिकन गवर्नर हैं।
दूसरी ओर, स्कूलों में मास्क अनिवार्य करने के विरोध को ज़्यादातर लोग पसंद नहीं कर रहे हैं। क्विनिपिएक के एक ओपिनियन पोल में 60 प्रतिशत से ज़्यादा लोगों ने स्कूलों में मास्क अनिवार्य करने को उचित ठहराया।
पर इसी जगह पर रिपब्लिकन पार्टी के लोगों में यह मामला उल्टा है। डीसैन्टिस की रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों में से 72 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वे सबको मास्क पहनना अनिवार्य करने के ख़िलाफ़ हैं।
इसका विरोध हो रहा है। रिपब्लिकन पार्टी के चुनाव सर्वेक्षण करने वाले ह्लविट एरीज़ ने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' से कहा, "कई रिपब्लिकन किसी टापू पर रहते हैं। इस समय कुछ राजनेताओं के लिए यह अच्छा हो सकता है, प्राइमरी में उन्हें फायदा हो सकता है, पर अंत में आपको राष्ट्रपति चुनाव जीतना होता है।"
ज़्यादातर रिपब्लिकन नेताओं के सलाहकारों का मानना है कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण होने के बाद से मास्क के मुद्दे पर स्थिति बदली हुई है। अब ये नेता कोरोना से संक्रमित होने के बाद लोगों के एंटीबॉडी इलाज के लिए नए केंद्र खोलने पर ज़ोर दे रहे हैं। इनमें ग्रेग अबॉट और डीसैन्टिस भी हैं।
डीसैन्टिस ने साफ शब्दों में कहा,
“
हम साफ शब्दों में कहते हैं-लॉकडाउन नहीं, स्कूल बंद नहीं, प्रतिबंध नहीं और अनिवार्य मास्क नहीं।
रॉन डिसैन्टिस, गवर्नर, फ़्लोरिडा
लेकिन कई गवर्नरों के सलाहकार इस पर चिंता जाहिर करते हैं और कहते हैं कि ये लोग पार्टी का नुक़सान कर रहे हैं। एक फंड रेज़र ने कह दिया कि उन्हें उम्मीद है कि उनके सारे लोगों को टीका दिया जाएगा।
लेकिन पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन नेता ट्रंप ने अलबामा में कहा,
“
टीका लीजिए, यह अच्छी चीज है, मैंने भी लगवाया है।
डोनल्ड ट्रंप, पूर्व राष्ट्रपति, अमेरिका
उनका लोगों ने मजाक उड़ाया फब्तियाँ कसीं। ट्रंप ने कहा, "चलिए ठीक है, आप अपनी स्वतंत्रता रखिए, पर मैंने तो टीका लगवा लिया है।"
दूसरी ओर, फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन ने 23 अगस्त को फ़ाइज़र बायो एन टेक के 16 साल से अधिक उम्र के लोगों को दिए जाने वाले टीके को मंजूरी दे दी है।
ज़्यादातर निजी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए टीका लगवाना अनिवार्य कर दिया है।
सेंटर फॉर डिजीज़ कंट्रोल ने जुलाई महीने में ही नियम पारित कर हर अमेरिकी को सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया, उन्होंने टीका लगवाया हो या नहीं। यह उन जगहों के लिए, जहां कोरोना का प्रकोप ज्यादा है।
ज़्यादातर कॉलेजों व विश्वविद्यालयों ने छात्रों को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है।
कैलिफोर्निया व न्यूयॉर्क जैसे राज्यों में स्कूलों ने अपने शिक्षकों के लिए कोरोना टीका अनिवार्य कर दिया है।
न्यूयॉर्क में होटल व रेस्तरां जाने पर टीका का सर्टिफिकेट दिखाने को कहा जाता है।
ज़्यादातर अस्पतालों ने अपने कर्मचारियों के लिए कोरोना टीका लगवाना अनिवार्य कर दिया है।
रक्षा विभाग ने एलान किया है कि यह अपने 13 लाख सैनिकों के लिए टीका अनिवार्य करने जा रहा है और सितंबर में ऐसा कर दिया जाएगा।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हर संघीय कर्मचारी को कोरोना टीका लगवाना होगा।
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