मेरी आँखें खुल नहीं पा रही थीं। नींद इतनी गहरी थी कि कुछ भी समझ पाना मुश्किल था। एरिज़ोना के ग्रैंड कनियन में दिन भर घूमने के बाद शाम को थकान मिटाने के नाम पर हमने थोड़ी व्हिस्की पी, डट कर खाना खाया। खुले आसमान में तारों की बारात देखते देखते कब नींद के आग़ोश में चले गए पता ही नहीं चला।

अमेरिका में इस समय चार रंगों के लोग बसते हैं। यूरोप से आकर बसने वाले गोरे जो अब बहुमत में हैं। अफ़्रीका से ग़ुलाम के रूप में लाए गए काले लोगों के वंशज जो अब ग़ुलामी से आज़ाद हैं और क़ानूनी तौर पर बराबरी का अधिकार पा चुके हैं, लेकिन आर्थिक तौर पर बहुत पिछड़े हैं। इसके बाद आते हैं ब्राउन या भूरी चमड़ी वाले लोग। इसमें कई जातीय समूह और राष्ट्रीयता वाले लोग शामिल हैं। एक तरफ़ भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के प्रवासी हैं तो दूसरी तरफ़ मध्यपूर्व के देशों के लोग जिन्हें बहुत सारे गोरे अमेरिकी आतंकवाद से जोड़ कर देखते हैं।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक