इटली पहुँचे प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के साथ-साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हर संभव प्रयास करता रहेगा। उन्होंने कहा है कि शांति का रास्ता 'बातचीत और कूटनीति' से होकर जाता है।
इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी-ज़ेलेंस्की की वार्ता में यूक्रेन के लिए आगामी स्विस शांति सम्मेलन पर भी चर्चा हुई। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने स्विट्जरलैंड में होने वाले सम्मेलन में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।
Had a very productive meeting with President Volodymyr Zelenskyy. India is eager to further cement bilateral relations with Ukraine. Regarding the ongoing hostilities, reiterated that India believes in a human-centric approach and believes that the way to peace is through… pic.twitter.com/XOKA0AHYGs
— Narendra Modi (@narendramodi) June 14, 2024
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और ज़ेलेंस्की ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और यूक्रेन की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने इसे बहुत ही सकारात्मक बैठक बताया और कहा कि भारत यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक है।
ज़ेलेंस्की ने भी कहा है कि जी7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की अपनी यात्रा के दौरान मैंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने कहा, 'हमने द्विपक्षीय संबंधों और व्यापार के विकास पर चर्चा की, विशेष रूप से ब्लैक सी निर्यात गलियारे के कामकाज के संदर्भ में। हमने कृषि में नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग में अनुभव के आदान-प्रदान की संभावना का पता लगाया।'
I met with Indian Prime Minister @NarendraModi during my working visit to Italy for the G7 Summit.
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) June 14, 2024
We discussed the development of bilateral relations and trade, in particular in the context of the Black Sea export corridor functioning. We explored the possibility of exchanging… pic.twitter.com/d6XZb1L4qR
इधर, प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी, रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग बढ़ाने, व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने आदि पर चर्चा की।
जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेने के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात की। उन्होंने पोप को गले लगाया और संक्षिप्त रूप से उनका अभिवादन किया।
Met Pope Francis on the sidelines of the @G7 Summit. I admire his commitment to serve people and make our planet better. Also invited him to visit India. @Pontifex pic.twitter.com/BeIPkdRpUD
— Narendra Modi (@narendramodi) June 14, 2024
जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बोर्गो एग्नाज़िया पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जी7 मेजबान, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
PM @narendramodi warmly welcomed by the G7 host, PM @GiorgiaMeloni of Italy as he arrived at Borgo Egnazia to participate in the G7 Summit. pic.twitter.com/NTxLGYedGv
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 14, 2024
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रक्षा, परमाणु, अंतरिक्ष, शिक्षा, जलवायु कार्रवाई, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, संपर्क और संस्कृति के क्षेत्रों में साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने 'मेक इन इंडिया' पर अधिक ध्यान देने के साथ रणनीतिक रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
जी7 नेताओं का शिखर सम्मेलन 13 से 15 जून तक इटली के अपुलिया क्षेत्र में बोर्गो एग्नाज़िया में आयोजित किया जा रहा है। वार्षिक शिखर सम्मेलन में इटली, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिनिधि शामिल हुए। उद्घाटन दिवस का मुख्य आकर्षण यूक्रेन को 50 बिलियन डॉलर का ऋण देने के लिए एक रूपरेखा समझौते पर राजनीतिक समझौता था। इसमें 2022 में मास्को द्वारा अपने पड़ोसी पर आक्रमण करने के बाद ज़ब्त की गई रूसी संपत्तियों से ब्याज का उपयोग किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी लगातार पांचवीं बार शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। भारत ने पहले 10 जी7 शिखर सम्मेलनों में भाग लिया है। यह भारत के लिए 11वां शिखर सम्मेलन है।
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