दुनिया भर में दहशतगर्दों को पनाह देने के लिए बदनाम हो चुके पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने आख़िरकार यह मान लिया है कि पुलवामा हमला उसी ने करवाया था। फ़रवरी, 2019 में कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में भारत के 40 से ज़्यादा जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और बालाकोट में चल रहे आतंकी शिविरों पर बम गिराए थे।
बुधवार को ही पूर्व स्पीकर सरदार अयाज़ सादिक ने पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में कहा था कि भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन के पकड़े जाने के बाद पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ के पैर कांप रहे थे और उनके माथे पर पसीना था। सादिक के मुताबिक़, उनसे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा था कि अभिनंदन को जाने दें क्योंकि रात को 9 बजे हिंदुस्तान हम पर हमला कर रहा है।
इसके बाद गुरूवार को बयान आया पाकिस्तान के विज्ञान और प्रोद्यौगिकी मंत्री फ़वाद चौधरी का। अपने बड़बोले बयानों के लिए मशहूर फ़वाद ने अयाज़ सादिक के बयान को ग़लत बताया और कहा, ‘पुलवामा में जो हमारी क़ामयाबी है, वो इमरान ख़ान की क़यादत में इस कौम की क़ामयाबी है, उसके हिस्सेदार आप भी सब हैं, उसके हिस्सेदार हम भी सब हैं।’
पुलवामा हमले के बाद भारत ने कई बार कहा था कि इसमें पाकिस्तान का ही हाथ है, लेकिन वहां के वज़ीर-ए-आज़म इमरान ख़ान ने इसे ग़लत बताया था। लेकिन अब इमरान क्या कहेंगे क्योंकि अब तो उनकी क़ाबीना के एक मंत्री ने मुल्क़ की नेशनल एसेंबली में स्वीकार किया है कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ है।
बढ़ेगी पाकिस्तान की मुसीबत
भारत अब पाकिस्तान के मंत्री के इस बयान को फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (एफ़एटीएफ़) को सौंप सकता है। एफ़एटीएफ़ ने पाकिस्तान को जून, 2018 से ग्रे लिस्ट में रखा हुआ है और उस पर इसके लिए भारी दबाव है कि वह आतंकी संगठनों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करे। पाकिस्तान इस बात की जांच करने में फ़ेल साबित हुआ है कि आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद को पैसा कहां से मिल रहा है।
एफ़एटीएफ़ कई देशों का संगठन है, जो आतंकवाद को वित्तीय मदद देने और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों पर नज़र रखता है।
ब्लैक लिस्ट होगा पाक!
फ़वाद चौधरी के इस कबूलनामे के बाद पाकिस्तान का एफ़एटीएफ़ की ग्रे लिस्ट से निकलना बेहद मुश्किल हो जाएगा। बेहद ख़राब माली हालात से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए फ़वाद का यह बयान और मुसीबतें लेकर आएगा क्योंकि अगर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बने रहता है तो उसके लिए इंटरनेशनल मोनेटरी फ़ंड (आईएमएफ़), विश्व बैंक, एडीबी आदि संस्थाओं से वित्तीय मदद हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। इस बात की संभावना है कि फ़वाद चौधरी के कबूलनामे के बाद उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए।
एनआईए की चार्जशीट
इसी साल अगस्त में पाकिस्तान एक बार पहले भी बेनकाब हो चुका है। एनआईए ने पुलवामा हमले की चार्जशीट में ऐसे हैरान करने वाले खुलासे किए थे जिनसे पाकिस्तान का पर्दाफाश हो गया था। एनआईए ने कहा था कि पुलवामा हमले के दौरान आतंकियों और पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं के बीच कई घंटों तक बातचीत हुई।
एनआईए की 13,500 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया था कि एक बातचीत के दौरान जैश के मुखिया मौलाना मसूद अज़हर का भतीजा और पुलवामा हमले का मुख्य साज़िशकर्ता मोहम्मद उमर फ़ारूक़, अज़हर के भाइयों रउफ़ असगर और अम्मार अल्वी से बैंक खातों में पैसे डालने के लिए कहता है। वह कहता है कि हमले के लिए इन पैसों की ज़रूरत है।
इसके बाद पाकिस्तान में एक्टिव दो बैंक खातों में 10 लाख रुपये डाले गए। ये दोनों खाते उमर फ़ारूक़ के नाम पर थे। एनआईए ने कहा है कि बाद में यह पैसा अवैध तरीक़े से कश्मीर लाया गया और पुलवामा हमले में इसका इस्तेमाल हुआ। एक और बातचीत के दौरान यह पता चला है कि 5.7 लाख रुपये आईईडी बनाने में और इन्हें मारूति इको वैन में लगाने में ख़र्च हुए। इस वैन का इस्तेमाल पुलवामा हमले में किया गया था।
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