नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली ने कहा है कि लिपुलेक, कालापानी और लिम्पियाधुरा को किसी भी क़ीमत पर नेपाल के नक्शे में वापस लाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि नये नक्शे को केंद्रीय कैबिनेट से सहमति मिलते ही अब हम कूटनीति के जरिए इन इलाक़ों को वापस लाने के काम में जुटेंगे।
ओली ने कहा, ‘इस मुद्दे को अब और ज़्यादा नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर कोई नाराज़ होता है तो हमें परेशान होने की ज़रूरत नहीं है और हम उस ज़मीन को किसी भी क़ीमत पर हासिल करेंगे।’ ओली ने यह बात देश की संसद में कही।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा कुछ दिन पहले कैलाश मानसरोवर को लिपुलेक से जोड़ने वाली सड़क बनाए जाने के बाद से ही नेपाल तेवर दिखा रहा है। इस बात को पूछा जा रहा है कि नेपाल किसके इशारे पर ऐसा कर रहा है। इस सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार जो कुछ भी करती है वह ख़ुद की इच्छा से करती है।
ओली ने कहा कि वह भारत के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं। कुछ दिन पहले ओली ने कहा था कि भारत ने कालापानी में 1962 से ही अपने जवानों को तैनात किया हुआ है और हमारे देश के पूर्व शासक इस मुद्दे को हटाने से पीछे हटते रहे लेकिन अब हम इस पर फिर से दावा करेंगे और इसे वापस लेंगे।
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