पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि 4 मई के दो हफ़्ते बाद लॉकडाउन हटाया जाए।
उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि वह यह बात एक आम नागरिक और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कह रही हैं और यदि प्रधानमंत्री के साथ कोई बैठक हुई तो उसमें यही बात मुख्यमंत्री के रूप में कहेंगी।
याद दिला दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले 25 मार्च से 21 दिनों के लॉकडाउन का एलान किया, जो 14 अप्रैल को ख़त्म हो रहा था। लेकिन इसे बढ़ा कर 4 मई तक कर दिया गया।
ममता बनर्जी ने कहा कि 4 मई को शुरू होने वाले सप्ताह में 25 प्रतिशत लॉकडाउन हटाया जाना चाहिए, उसके एक सप्ताह बाद इसे 50 प्रतिशत तक कर देना चाहिए और 4 मई के दो हफ़्ते बाद लॉकडाउन पूरी तरह हटा लिया जाना चाहिए।
ट्रेन-जहाज़ बंद रहें
उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि हवाई और रेल यातायात इस दौरान बंद ही रहना चाहिए और हॉटस्पॉट पर जिस तरह की कड़ी कार्रवाई की जा रही है, वह चालू रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 30 हज़ार से 40 हज़ार डेंगू मामलों से निपटा जा चुका है, जिससे यह साबित होता है कि राज्य में कोरोना से निपटने की भी क्षमता है।
दोष आईसीएमआर का?
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में कम जाँच का ठीकरा इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च पर फोड़ा। उन्होंने कहा,
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‘रैपिड टेस्ट किट्स वापस लिए जा चुके हैं, वे किट पूरी तरह बेकार थे, आरटी-पीसीआर किट भी वापस ले लिए गए, एंटीजेन जाँच किट तो अब तक पहुँचा ही नहीं है।’
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
ममता बनर्जी ने आईसीएमआर पर आरोप तब लगाया है जब पश्चिम बंगाल के कुछ डॉक्टरों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों ने एक कड़ी चिट्ठी लिख कर कहा है कि राज्य में बहुत ही कम लोगों की कोरोना जाँच हो रही है और आँकड़े ग़लत ढंग से पेश किए जा रहे हैं।
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