इज़राइली रक्षा बलों ने गुरुवार को वीडियो साझा कर दावा किया है कि उसके सैनिकों को ग़ज़ा के सबसे बड़े अस्पताल पर छापे में हथियारों सहित सैन्य उपकरण मिले हैं। इज़राइल ने दावा किया है कि उसको सबूत मिले हैं कि हमास आतंकी गतिविधियों के लिए विस्फोटकों और हथियारों को रखने के लिए अस्पतालों का उपयोग करता है।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में इजराइली रक्षा बल यानी आईडीएफ ने दावा किया कि हमास अल-शिफा अस्पताल में एमआरआई भवन का उपयोग एक कमांड सेंटर यानी मुख्यालय के रूप में और तकनीकी उपकरणों को रखने के लिए भी करता है।
Watch as LTC (res.) Jonathan Conricus exposes the countless Hamas weapons IDF troops have uncovered in the Shifa Hospital's MRI building: pic.twitter.com/5qssP8z1XQ
— Israel Defense Forces (@IDF) November 15, 2023
आईडीएफ़ द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में सैन्य प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस, कैमरापर्सन के साथ दिखते हैं। वह कथित तौर पर अस्पताल परिसर के अंदर हमास के हथियारों के भंडार के सबूत देने के लिए अस्पताल में दाखिल हुए। आईडीएफ ने दावा किया है कि वीडियो को संपादित नहीं किया गया है। वीडियो में अल-शिफा अस्पताल की एमआरआई इमारत में सीसीटीवी कैमरे क्षतिग्रस्त दिखते हैं।
वीडियो में कथित तौर पर एमआरआई मशीन दिखती है और इसके पीछे कुछ विस्फोटक रखे हुए दिखाए गए हैं। वीडियो से यह साफ़ नहीं होता है कि उन विस्फोटकों और हथियारों को वहाँ किसने और कब रखा। वीडियो में ऐसे ही कई और कमरों को दिखाया गया है और इज़राइली सेना ने दावा किया है कि ये सबूत हैं कि अस्पताल का इस्तेमाल हमास के कमांड सेंटर के रूप में किया जा रहा था। वीडियो में कुछ हथियार और विस्फोटक ही दिखते हैं। तो सवाल है कि क्या कमांड सेंटर में सिर्फ़ गिने-चुने हथियार रखे गए थे और क्या इतने हथियारों से हमास इज़राइल से लड़ रहा है?
टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार आईडीएफ ने कई दिनों तक शिफा को घेर रखा था। इसने दावा किया है कि हमास ने सेंटर के नीचे एक प्रमुख ऑपरेशन कमांड सेंटर बना रखा है जिसमें अपने आतंकवादियों और बंदूकधारियों को कवर देने के लिए वहां रहने वाले मरीजों, कर्मचारियों और नागरिकों का उपयोग किया जाता है।
फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इज़राइल ने अस्पताल के चारों ओर बुलडोजर तैनात कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि अस्पताल के अंदर कम से कम 2,300 मरीज, कर्मचारी और विस्थापित नागरिक हैं, जिनमें 36 नवजात शिशु भी शामिल हैं। संस्थान में इनक्यूबेटरों को चालू रखने के लिए ईंधन ख़त्म हो जाने के कारण पिछले सप्ताह समय से पहले जन्मे तीन बच्चों की मृत्यु हो गई। अल शिफा अस्पताल के निदेशक ने बुधवार को कहा था कि इजराइली सैनिकों के परिसर में घुसने के कारण सभी विभागों का पानी, बिजली और ऑक्सीजन काट दिया गया।
अस्पताल पर इजराइली छापे की ख़बर सामने आने के बाद से ग़ज़ा में नागरिकों पर इजराइली हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ गई है।
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