ग़ज़ा की सीमा से सटे इज़राइल के शहर किबुत्ज़ नाहल ओज़ क़रीब-क़रीब तबाह हो गया है। छह-सात अक्टूबर की दरमियानी रात को हमास ने हमला किया था। पूरे शहर में गोलियों की आवाज़ सुनाई दे रही थी। गलियों में फायरिंग के साथ ही अरबी में लोगों की आवाज़ें सुनाई दे रही थीं। हमास के लड़ाके लोगों को ढूंढ-ढूंढ कर मार रहे थे। घर-घर की तलाशी रहे थे। जो पकड़े गए वे या तो मार दिए गए या फिर बंधक बना लिए गए। लोग खुद को बचाने के लिए लगातार मदद मांगते रहे। सेना के पहुँचने का इंतज़ार करते रहे। कुछ लोग 'सेफ़ रूम' में बंद होकर प्रार्थना करते रहे तो डरे-सहमे हुए ही कुछ हमास के लड़ाकों से मुक़ाबला करने को मुस्तैद रहे। घंटों सेना नहीं पहुँची। हमास के हमले में जीवित बचे लोगों ने ये दास्तां सुनाई है।
हमास के हमले के घंटों बाद तक सेना नहीं पहुँची, जानिए कैसे जानें बचाईं
- दुनिया
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- 12 Oct, 2023
हमास ने 6 अक्टूबर की रात को इज़राइल के खिलाफ बड़ा हमला किया। इस हमले में सिर्फ़ मिसाइलें ही नहीं छोड़ी गईं, हमास के लड़ाके इज़राइल में घुसकर शहर में भी हमले किए। क्या इज़राइली सेना ने उन्हें बचाया? जानिए, उस रात क्या हुआ था और कैसे बचे इज़राइल लोग।

हमले से सुरक्षित बचे लोगों ने हमले के क्षण के रुह कंपा देने वाली अपनी कहानी बताई है। उन्होंने बताया है कि कैसे वे बचाव दल के आने का इंतज़ार करते रहे, लेकिन कोई नहीं आया।