ब्रिटेन में कोरोना की वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू हुआ तो क्या, वहाँ फिर से सख़्त लॉकडाउन की घोषणा की गई है। आपस में मिलने-जुलने पर रोक, सार्वजनिक जगहों पर छह से ज़्यादा लोगों के इकट्ठे होने पर पाबंदी होगी। बार, पब और कैफ़े भी बंद होंगे। यह इसलिए कि वहाँ कोरोना संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैलने लगा है। कुछ क्षेत्रों में तो कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या हर हफ़्ते दोगुनी होने लगी है। इसी बीच इस आशंका से चिंता बढ़ी है कि कोरोना वायरस 'नये रूप' में दिखा है।
मीडिया रिपोर्टों में ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। एएफ़पी की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैंकॉक ने कहा है कि वैज्ञानिकों ने इंग्लैंड के दक्षिण में वायरस के एक 'नए प्रकार' की पहचान की है जिससे संक्रमण अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ी से फैल सकता है।
इस आशंका ने अधिकारियों को और अधिक सतर्कता बरतने को मजबूर कर दिया है। सतर्कता इसलिए कि ब्रिटेन पहले से ही कोरोना से काफ़ी ज़्यादा प्रभावित है। सिर्फ़ 6.8 करोड़ की जनसंख्या वाला यह देश दुनिया में सबसे ज़्यादा कोरोना प्रभावित देशों में छठे नंबर पर है।
यूरोप में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले में ब्रिटेन तीसरे नंबर पर है। अब तक 18 लाख 69 हज़ार से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 64 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं। यूरोप में ब्रिटेन से ज़्यादा संक्रमित लोगों की संख्या रूस और फ़्रांस में ही है। रूस में संक्रमितों की संख्या 26 लाख 81 हज़ार और फ्रांस में 23 लाख 79 हज़ार। ब्रिटेन में हर रोज़ क़रीब 20 हज़ार संक्रमण के नये मामले सामने आ रहे हैं।
ऐसे ही हालात में ब्रिटेन की राजधानी लंदन ने बुधवार से 'टायर-3' यानी तीसरे स्तर की पाबंदियाँ लागू करने की घोषणा की है। इसके तहत थियेटर, पब, रेस्त्राँ और ऐसी ही दूसरी आतिथ्य से जुड़ी सेवाएँ बंद रहेंगी। हालाँकि इन जगहों से पैक किया हुआ खाना ले जाने की छूट रहेगी।
स्वास्थ्य सचिव मैट हैंकॉक ने कहा कि लंदन में हर रोज़ संक्रमण के मामलों में तेज़ी आई है और कोरोनो वायरस के 'एक नए प्रकार' से चिंताएँ बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि इस नए प्रकार से संबंधित क़रीब 1000 मामलों की पहचान विशेषज्ञों ने की है।
उन्होंने हाउस ऑफ़ कॉमन्स में संसद को बताया, 'यह कार्रवाई पूरी तरह से आवश्यक है, न केवल लोगों को सुरक्षित रखने के लिए, बल्कि क्योंकि हमने देखा है कि शुरुआती कार्रवाई से बाद में अधिक नुक़सान और दीर्घकालिक समस्याओं को रोका जा सकता है।'
ऐसी चिंताएँ उस देश में और उस देश की राजधानी में है जहाँ सबसे पहले कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जा रही है। एक बुजुर्ग को पहली वैक्सीन लगाकर इसकी शुरुआत की गई थी। फिर इसके साथ ही अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं के जोखिम वाले समूहों का टीकाकरण किया जा रहा है।
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