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फोटो क्रेडिट- @bsarwary

काबुल में फिर बम धमाका, 19 की मौत, कई घायल

काबुल में एक बार फिर जोरदार बम धमाका हुआ है। इसमें अब तक 19 छात्र-छात्राओं की मौत हो गई है और 27 घायल हुए हैं। अफगानिस्तान के टोलो न्यूज़ ने बताया कि कज एजुकेशनल सेंटर पर यह बम धमाका उस वक्त हुआ जब यहां पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं प्रवेश परीक्षा देने के लिए आए थे। कज एजुकेशनल सेंटर यूनिवर्सिटी के लिए प्रवेश परीक्षा करवाता है। बम धमाके को आत्मघाती हमलावर ने अंजाम दिया है। 

बम धमाके के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और लोग घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचे। धमाके के बाद लोग बदहवास होकर अपनों को ढूंढ रहे थे। हादसे में घायलों और मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। 

अभी तक हमले की जिम्मेदारी किसी भी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। 

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तालिबान ने पिछले साल जब अफगानिस्तान की हुकूमत संभाली थी तो उसने सभी की हिफाजत का दावा किया था लेकिन लगातार बम धमाकों से ऐसा लगता है कि वहां आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है और लोग महफूज नहीं हैं। 

स्थानीय निवासी सादिक ने न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि जब धमाका हुआ, उस वक्त वह अपने घर पर था। उसने बाहर जाकर देखा तो कज एजुकेशन सेंटर से धुआं उठ रहा था। वह अपने पड़ोसियों के साथ घायलों की मदद के लिए पहुंचा। 

न्यूज़ एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल सिक्योरिटी कमांड के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि आम लोगों पर हमला करने से पता चलता है कि हमलावर किस कदर क्रूर हैं। 

यह आत्मघाती बम धमाका काबुल के पश्चिमी इलाके के पास स्थित दश्त-ए-बारची में हुआ। यह इलाका शिया मुस्लिम बहुल इलाका है। यहां पर अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के लोग भी रहते हैं। यहां कई बार इस तरह के खतरनाक हमले हो चुके हैं। 

कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं अल्पसंख्यक

अफगानिस्तान के शिया और हजारा बहुल इलाके लगातार कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं और बड़ी संख्या में इस समुदाय के लोगों को आत्मघाती बम हमलों में अपनी जान गंवानी पड़ी है। 

सिलसिलेवार बम धमाके

अफगानिस्तान में सितंबर महीने की शुरुआत में ही रूसी दूतावास के बाहर बम धमाका हुआ था इस धमाके को एक आत्मघाती हमलावर ने अंजाम दिया था और इसमें 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। 

काबुल में पिछले महीने ही खैर खाना इलाके में स्थित सिद्दीकिया मस्जिद के अंदर धमाका हुआ था और उस वक्त मस्जिद में लोग शाम की नमाज पढ़ रहे थे। धमाके में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हो गए थे। धमाका बहुत जबरदस्त था और इससे आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए थे।

इस साल जून में काबुल में स्थित गुरुद्वारा करते परवान के परिसर में दो बम धमाके हुए थे। घटना के वक्त गुरुद्वारे में कई श्रद्धालु मौजूद थे। बम धमाकों में दो लोगों की मौत हुई थी और कुछ लोग घायल हुए थे। आतंकी संगठन आईएसआईएस ने कहा था कि उसने यह धमाके भारत में पैगंबर पर की गई टिप्पणियों के जवाब में किए थे। 

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11 जून को भी काबुल में बम धमाका हुआ था और उसमें कई लोग घायल हो गए थे। इस साल अप्रैल में काबुल के पश्चिमी इलाके में स्थित एक स्कूल में तीन जोरदार धमाके हुए थे। स्कूल के आसपास शिया हजारा समुदाय की आबादी थी। 

बीते महीनों में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकियों ने तालिबान लड़ाकों और आम नागरिकों पर हमले किए हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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