loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

पीछे

हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट

आगे

ढाका में सबसे ज्यादा हिंसा हो रही है

बांग्लादेश में हालात बेकाबू, कर्फ्यू लगा, सेना तैनात, 105 मौतें

बांग्लादेश में लगातार हिंसक झड़पों की वजह से शुक्रवार देर रात देश भर में कर्फ्यू लगा दिया गया और सेना तैनात कर दी गई। एएफपी ने बताया कि देशभर में अब तक हुई झड़पों में कम से कम 105 लोग मारे गए हैं. 1,500 से अधिक घायल हुए हैं।

बांग्लादेश में कर्फ्यू की घोषणा सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल क़ादर ने की। उन्होंने कहा कि इससे नागरिक प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी। यह निर्णय पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने और आंसू गैस छोड़ने और शुक्रवार को राजधानी ढाका में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के कुछ घंटों बाद लिया गया। 

प्रदर्शनकारी,छात्र सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ ढाका और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए आरक्षण भी शामिल है।

ताजा ख़बरें

उनका तर्क है कि यह कोटा सिस्टम है और प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों को लाभ इसका सीधा लाभ मिलता है। शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी ने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था, और वे चाहते हैं कि इसे योग्यता-आधारित कोटा सिस्टम से बदल दिया जाए।

हालाँकि, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कोटा सिस्टम का बचाव करते हुए कहा है कि अपनी राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना जिन परिवारों ने बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया, वो कोटा सिस्टम और सर्वोच्च सम्मान के पात्र हैं।
बांग्लादेश में गुरुवार से हालात ज्यादा खराब हैं। गुरुवार को प्रदर्शन ने उस समय उग्र रूप ले लिया जब प्रदर्शनकारियों ने सरकारी टीवी चैनल की बिल्डिंग में आग लगा दी। हिंसा के कारण अधिकारियों को ढाका से आने-जाने वाली रेल सेवाओं के साथ-साथ राजधानी के अंदर मेट्रो रेल को भी बंद करना पड़ा। सरकार ने देश के कई हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट नेटवर्क बंद करने का भी आदेश दिया। स्कूल और विश्वविद्यालय अनिश्चितकाल के लिए बंद हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें