कोरोना से लड़ने वाली चर्चित वैक्सीन कोविशील्ड को बनाने वाली ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्रजेनेका ने कहा है कि वह दुनिया भर से अपनी कोविड वैक्सीन को वापस लेगी। फार्मा कंपनी ने कहा है कि वह दुनिया भर में अब कोविड -19 वैक्सीन की खरीद-बिक्री को बंद करेगी।
ब्रिटेन के समाचारपत्र द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ने कहा है कि अब उसकी कोविड वैक्सीन का निर्माण और इसकी सप्लाई नहीं की जा रही है।
एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि यह फैसला इसके साइड के कारण नहीं लिया गया है बल्कि व्यावसायिक कारणों से इसे बाजार से हटाया जा रहा है। पिछले दिनों ही कंपनी ने अदालत में यह स्वीकार किया था कि उसकी वैक्सीन से दुर्लभ मामलों में साइड इफेक्ट हो सकता है।
कंपनी ने कहा है कि अब बाजार में कई दूसरी और पहले से ज्यादा उन्नत किस्म की कोरोना वैक्सीन मौजूद है। ये वैक्सीन कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट से ज्यादा बेहतर तरीके से लड़ सकती हैं। इसको देखते हुए एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का निर्माण और इसकी आपूर्ति को बंद कर दिया गया है।
मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक दिग्गज फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने बीते 5 मार्च को ही वैक्सीन वापस लेने का आवेदन किया था जो कि मंगलवार 7 मई 2024 से लागू हो गया है। इसके बाद से इस कंपनी की वैक्सीन का उपयोग यूरोपीय संघ में नहीं किया जा सकता है।
ध्यान रहे कि इस दिग्गज फार्मा कंपनी ने कोरोना से लड़ने के लिए 2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोविड 19 वैक्सीन बनाई थी। इस फॉर्मूले के तहत ही भारत की प्रसिद्ध वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इ्ंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई थी।
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कुछ केस में हो सकते हैं साइड इफेक्ट
कोविशील्ड बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पिछले दिनों ही पहली बार अदालती दस्तावेजों में माना है कि उसकी कोविड 19 वैक्सीन दुर्लभ दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है। इस दिग्गज फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा इस बात को स्वीकार किये जाने के बाद दुनिया भर में स्वास्थ्य से जुड़े कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं।माना जा रहा है कि इससे वैक्सीन को लेकर आम लोगों के विश्वास भी अब प्रभावित हो सकते हैं। ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ ने इसको लेकर बीते 28 अप्रैल को खोजी रिपोर्ट प्रकाशित की थी। द टेलीग्राफ की इस रिपोर्ट के मुताबिक, कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया है कि वैक्सीन से दुर्लभ दुष्प्रभाव हो सकता है।
कंपनी ने माना है कि उसकी वैक्सीन, बहुत ही दुर्लभ मामलों में, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम या टीटीएस का कारण बन सकती है। इसके साथ ही इसे लेने वाले में थ्रोम्बोसिस नामक एक दुर्लभ दुष्प्रभाव भी हो सकता है। हालांकि वैक्सीन निर्माता ने अदालती दस्तावेज़ों में कहा है कि कोविशील्ड, दुर्लभ मामलों में ही ऐसी स्थिति का कारण बन सकती है।
इसके कारण होने वाले साइड इफेक्ट में खून के थक्के जम सकते हैं और प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है जिसके कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने इस बात को तब स्वीकार किया है जब वह इस वैक्सीन के कारण कुछ केस में मानव स्वास्थ्य को होने वाले गंभीर नुक्सान और कई मौतों के आरोपों से जुड़े मुकदमों को झेल रही है। माना जा रहा है कि कंपनी को कई मिलियन पाउंड का हर्जाने का भुगतान करना पड़ सकता है।
एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविशील्ड वैक्सीन का व्यापक रूप से इस्तेमाल भारत सहित दुनिया के कई देशों में हो चुका है।
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