अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिका 20 साल बाद लौट गया है, चुनी हुई सरकार ध्वस्त हो चुकी है और शरीआ क़ानून यानी इसलाम के बताए रास्ते पर शासन करने का वायदा करने वाले तालिबान ने अपनी पकड़ मजबूत बना ली है। अब जब सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो सवाल यह उठता है कि यह सरकार किस मॉडल पर चलेगी।
क्या तालिबान ईरानी मॉडल पर बनाएगा अफ़ग़ान शासन व्यवस्था?
- दुनिया
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- 2 Sep, 2021

तालिबान अफ़ग़ानिस्तान में किस तरह की सरकार बनाएगा? वह ब्रिटेन या अमेरिका की तरह तो होगा नहीं। क्या वह ईरानी मॉडल अपना कर शरीआ लागू करेगा?
यह तो साफ है कि यह वेस्ट मिंस्टर मॉडल यानी संसदीय लोकतंत्र नहीं होगा, यानी ब्रिटेन या भारत की तरह संसदीय प्रणाली और प्रधानमंत्री की अगुआई में चलने वाली व्यवस्था नहीं होगी।
यह प्रेसिडेन्सियल फ़ॉर्म यानी अमेरिका की तरह की सरकार भी नहीं होगी, जहां देश एक व्यक्ति को राष्ट्रपति चुनता है और उसे प्रशासन की वे छूटें होती हैं जो संसदीय प्रणाली में नहीं होतीं। कारण साफ है, इसलामी व्यवस्था में इस तरह की प्रणाली के लिए जगह नहीं है।