अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में जब नई सरकार के गठन का एलान होगा तो उसमें एक बहुत ही अहम नाम होगा सिराजुद्दीन हक्क़ानी का। ये सिराजुद्दीन हक्क़ानी वही व्यक्ति हैं, जो हक्क़ानी नेटवर्क के प्रमुख हैं और जिन पर 2008 में काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर हमले का आरोप लगा था।
भारतीय दूतावास पर हमले का संदिग्ध सिराजुद्दीन हक्क़ानी अफ़ग़ान सरकार में नंबर दो
- दुनिया
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- 4 Sep, 2021
अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान सरकार में सिराजुद्दीन हक्क़ानी व अनस हक्क़ानी भी होंगे,जो हक्क़ानी नेटवर्क के आतंकवादी हैं। इन्होंने भारतीय ठिकानों पर भी हमले किए हैं।

काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर 7 जुलाई, 2008 को स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे हुए ज़बरदस्त बम धमाके में 58 लोग मारे गए थे और 114 दूसरे लोग घायल हो गए थे।
मारे जाने वालों में चार भारतीय थे- डिफेंस अताशे ब्रिगेडियर रवि दत्त मेहता, भारतीय विदेश सेवा के वी. वेंकटेश्वर राव और आइटीबीपी के दो जवान- अजय पठानिया और रूप सिंह।