अफ़ग़ानिस्तान के हेलमंद प्रांत समेत कई इलाक़ों में तालिबान लड़ाकों और अफ़ग़ान सेना के बीच ज़बरदस्त लड़ाई चल रही है। अफ़ग़ानिस्तान के अलग-अलग इलाक़ों में चल रही लड़ाई में एक ही दिन में लगभग साढ़े चार सौ तालिबान लड़ाके मारे गए हैं।
अफ़ग़ानिस्तान के टेलीविजन न्यूज़ चैनल 'टोलो न्यूज़' ने इस लड़ाई की खबर देते हुए कहा है कि सबसे ज़ोरदार लड़ाई दक्षिण हेलमंद के 'डिस्ट्रिक्ट वन' इलाक़े में चल रही है।
यह वही इलाक़ा है, जहाँ पहले अमेरिकी सेना मौजूद थी और वहाँ उन सैनिकों के साथ तालिबान की लड़ाई हुई थी, जिसमें अमेरिकी फ़ौज ने तालिबान को पीछे धकेल दिया था।
तालिबान के नुक़सान का दावा
अफ़ग़ानिस्तान की सरकार ने कहा है एक दिन में 455 तालिबान लड़ाके मारे गए हैं। इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है, पर बड़ी तादाद में तालिबान के मारे जाने की बात टोलो न्यूज़ समेत तमाम स्थानीय अख़बार व न्यूज़ एजेंसियाँ कह रही हैं।हेलमंद के सांसदों ने इस पर चिंता जताई है कि तालिबान ने स्थानीय गवर्नर के आवास को चारों ओर से घेर लिया है और लड़ाई उस परिसर पर क़ब्जे को लेकर हो रही है।
निशाने पर नागरिक
लोगों का कहना है कि तालिबान ने कुछ नागरिकों को क़ब्ज़े में ले लिया है। लोग डरे हुए हैं और बदहवास होकर जहाँ तहाँ भाग रहे हैं, चारो ओर पूरी तरह अफरातफरी का माहौल है।
अख़्तर मुहम्मद बदी ज़ई ने 'टोलो न्यूज़' से कहा, "आम नागरिकों के घरों पर बमबाजी हुई है, तालिबान ने कुछ घरों में घुस कर क़ब्ज़ा कर लिया है और लोगों को बंधक बनाए हुए हैं ताकि सुरक्षा बल उन पर हमला न करें।"
लश्करगढ़ की लड़ाई
तालिबान ने हेलमंद के 12 ज़िलों पर क़ब्ज़ा कर लिया है, सिर्फ कज़कई उनके नियंत्रण से बाहर है। इसके अलावा लश्करगढ़ के 10 इलाक़ों में तालिबान का कब्जा हो चुका है।
नवज़ाद ज़िले के पुलिस प्रमुख मतीउल्लाह पोपल लड़ाई में घायल हो चुके हैं।
अफ़ग़ानिस्तान की संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने कहा है कि सरकार और पूरा देश अफ़ग़ान राष्ट्रीय सुरक्षा बल के साथ मजबूती से खड़ा है।
परवान में झड़प
केंद्रीय अफ़ग़ानिस्तान के परवान प्रांत में तालिबान के साथ झड़प में सुरक्षा बल के दो जवान मारे गए हैं।
सरकार ने इसकी पुष्टि करते हुए तालिबान के 455 लड़ाकों के मारे जाने और 232 लोगों के बुरी तरह घायल होने का दावा किया है।
बता दें कि तालिबान तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और उन्होंने देश के 85 प्रतिशत हिस्सों पर क़ब्जा कर लेने का दावा किया है।
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इस दावे की स्वंतत्र पुष्टि नहीं हो सकी है, पर इस सच्चाई से इनकार नहीं किया जा सकता है कि तालिबान को रोकने में अफ़ग़ान सेना को दिक्क़तें हो रही हैं।
दो हफ़्ते पहले की एक लड़ाई में उसके सैनिक भाग कर पड़ोसी देश ताज़िकिस्तान चले गए थे। ताज़िक सरकार ने इसकी पुष्टि करते हुए उन सैनिकों को अफ़ग़ान सेना को सौंप दिया।
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