पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने 'एक व्यक्ति, एक पद' की नीति पर पार्टी के भीतर बढ़ती क़लह और विवाद पर अंकुश लगाने के लिए भले ही अध्यक्ष के अलावा तमाम सांगठनिक पदों को ख़त्म कर एक राष्ट्रीय कार्यसमिति का गठन कर दिया हो, बंगाल के राजनीतिक हलकों में सवाल उठ रहा है कि क्या इससे इस विवाद पर अंकुश लगाने और इस मुद्दे पर पुरानी और नई पीढ़ी के नेताओं की बढ़ती दूरी को पाटने में कामयाबी मिलेगी?