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ममता बनर्जी अरविंद केजरीवाल मुलाक़ात।

केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल का समर्थन देगी टीएमसी: ममता

केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी साथ मिला है। केजरीवाल को समर्थन देते हुए ममता ने मंगलवार को कहा कि नौकरशाहों की नियुक्तियों और तबादलों पर नियंत्रण के लिए केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ उनकी लड़ाई में टीएमसी उनका साथ देगी। अब तक कई विपक्षी दल केजरीवाल का साथ देने की बात कह चुके हैं और कई अन्य दलों के समर्थन के लिए केजरीवाल अपनी टीम के साथ अलग-अलग राज्यों के दौरे पर निकले हैं। 

इसी क्रम में अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के नेता व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, संजय सिंह, आतिशी मारलेना और राघव चड्ढा के साथ कोलकाता में ममता बनर्जी से मुलाक़ात की। ममता ने कहा कि दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्रीय अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए राज्यसभा में आगामी वोट 2024 के चुनावों से पहले सेमीफाइनल होगा। सीएम बनर्जी ने सभी पार्टियों से बीजेपी के कानून को वोट न देने की अपील भी की। 

सीएम बनर्जी का बयान केजरीवाल के साथ एक घंटे की बैठक के बाद आया। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए इस अध्यादेश को छह महीने के भीतर संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना है।

ममता ने कहा, 'केंद्र सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश लाया है। हम इसका विरोध करेंगे और अन्य पार्टियों से भी इसका विरोध करने की अपील करेंगे। यह एकजुट होने और एक बड़ा संदेश देने का मौक़ा है कि अगर हम राज्यसभा में भाजपा को हरा सकते हैं, तो यह अध्यादेश भी जा सकता है।'

उन्होंने आगे कहा, 'अगर केंद्र इस तरह का अध्यादेश पारित कर सकता है, तो वह आज, कल किसी भी राज्य को तोड़ सकता है। बहुमत में हैं लेकिन ऐसा नहीं कर सकते। कुछ प्रणालियां हैं।'

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ममता ने कहा, 'मैं सभी विपक्षी दलों से अनुरोध करती हूं– यदि आपके पास एक साथ काम करने का मूड, मन और दिल है– तो, मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि हमें एक भी वोट भाजपा को नहीं जाने देना चाहिए।' उन्होंने आगे कहा,

यहां तक कि अगर कुछ बीजेपी सदस्य हैं जो पार्टी से असंतुष्ट हैं, तो मैं उनसे गैर-बीजेपी पार्टियों को अपना वोट देने का अनुरोध करती हूं।


ममता बनर्जी, दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश पर

तृणमूल प्रमुख ने टिप्पणी की कि भाजपा संविधान को बुलडोजर चलाना चाहती है। उन्होंने कहा, 'क्या वे सोचते हैं कि हम उनके बंधुआ मजदूर हैं? क्या वे सोचते हैं कि हम उनके नौकर हैं?... हमें डर है कि वे संविधान को बदल सकते हैं, वे देश का नाम भी बदल सकते हैं और इसे पार्टी के नाम पर रख सकते हैं... वे सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का भी सम्मान नहीं करते हैं।'

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इस बीच, केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'भाजपा ने लोकतंत्र का मजाक बनाया है... जहां वह सरकार नहीं बना सकती, वह विधायक खरीदती है, सीबीआई, ईडी का इस्तेमाल सरकार को तोड़ने की कोशिश करने के लिए करती है... गवर्नर बंगाल और पंजाब जैसी गैर-भाजपा सरकारों को परेशान करते हैं।'

इससे पहले मंगलवार सुबह केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था, 'आज, मैं दिल्ली के लोगों के अधिकारों के लिए देश भर में अपनी यात्रा शुरू कर रहा हूं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की जनता को न्याय दिलाने वाला फैसला सुनाया था। केंद्र ने अध्यादेश लाकर उन अधिकारों को छीन लिया। जब यह राज्य सभा में आए तो यह सुनिश्चित करना होगा है कि यह पारित न हो। मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलूंगा और समर्थन मांगूंगा।'

इससे पहले सूत्रों के हवाले से ख़बर आई थी कि अध्यादेश का विरोध करने के लिए कांग्रेस ने आप को अपना समर्थन दिया है। हालाँकि, बाद में कांग्रेस ने सफ़ाई दी कि उसने अभी यह तय नहीं किया है कि समर्थन देना है या विरोध करना है।

लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस ऑर्डिनेंस के मुद्दे पर बीजेपी का साथ तो नहीं ही देगी और आप का समर्थन करने में ही उसका फायदा है।

एक दिन पहले यानी रविवार को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने आप को समर्थन की घोषणा की थी। नीतीश कुमार ने कहा था कि चुनी हुई सरकार को जो अधिकार अदालत ने दिए हैं उसके ख़िलाफ़ केंद्र सरकार ग़ैर क़ानूनी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सब लोग एकजुट हो जाएँ ताकि संविधान को लोग जिस तरह से अपने ढंग से इधर-उधर कर रहे हैं, उसको रोका जा सके। तेजस्वी यादव ने कहा, 'लोकतंत्र में चुनी हुई सरकारों को अधिकार मिले हैं। गैर बीजेपी शासित राज्य में बीजेपी उन्हें परेशान कर रही हैं। यदि दिल्ली में बीजेपी की सरकार होती तो क्या उपराज्यपाल की ऐसा काम करने की हिम्मत होती?'

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अरविंद केजरीवाल इस मुहिम में इसलिए जुटे हैं ताकि वह केंद्र द्वारा इस मामले में लाए जाने विधेयक को राज्य सभा में पास होने से रोकें। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रांसफर व पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिये जाने के बाद केंद्र ने अध्यादेश लाकर इसके लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बना दिया है। अध्यादेश की मियाद ख़त्म होने पर केंद्र को संसद में विधेयक लाकर क़ानून बनाना होगा। 

राज्यसभा में अध्यादेश को रोकने की योजना पर चर्चा करने के लिए उनके 24 और 25 मई को मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से मिलने की संभावना है।

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क़मर वहीद नक़वी
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