जब प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री समेत देश के तमाम केन्द्रीय मंत्री ‘कर्नाटक विजय’ की चाह के अपने चुनावी अभियान में लगे हुए थे तब देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का एक राज्य आग में झुलसने को तैयार था।मई 2023 की शुरुआत में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी। समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया। आज स्थिति यह है कि इस हिंसा में 118 लोगों की जान जा चुकी है (रॉयटर्स) और हमेशा की तरह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपत्ति में ‘चुप’ रहने का रास्ता अपनाया।
मणिपुर हिंसा: प्रधानमंत्री फिर से ‘चुप’!
- विमर्श
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- 29 Mar, 2025

प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात का आज देशभर में प्रसारण हुआ लेकिन आग में खाक होते मणिपुर पर उनकी कोई आवाज सुनाई नहीं दी। स्तंभकार वंदिता मिश्रा का कहना है कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रधानमंत्री अक्सर चुप रहते हैं।