भारत ने पिछले लगातार दो दिनों में ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से दो सरफेस टू एयर मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह विज्ञान और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों ही नज़रिए से हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। लेकिन जब आप ओडिशा से पश्चिम बंगाल और असम होते हुए मणिपुर पहुँचेंगे तो भारतीय होने का यह गर्व काफ़ूर हो जाएगा। 3 मई 2023 से मणिपुर में मेतेई और कुकी-ज़ो समुदाय के बीच निरंतर हिंसक संघर्ष जारी है। मार्च 2023 में हाईकोर्ट के आदेश में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को कहा गया था। इस आदेश की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप 3 मई को कुकी-जो छात्रों द्वारा कैंडल मार्च निकाला गया जिसने भीषण हिंसा का स्वरूप धारण कर लिया। इसके बाद अगले 3 दिनों में ही कम से कम 52 लोगों की मौत हो चुकी थी। आने वाले दिनों में दो समुदायों के बीच यह हिंसा बढ़ती रही। आज स्थिति यह पहुँच गई है कि इस संघर्ष में 226 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 1500 से अधिक लोग घायल हैं, 32 से अधिक लापता हैं, सुरक्षा बलों के 16 जवानों की मौत हो चुकी है, 14 हज़ार से अधिक घर गिराए जा चुके हैं और 60 हज़ार से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
केंद्र की अक्षमता ने ‘मणिपुर संकट’ को बढ़ा दिया है?
- विमर्श
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- 15 Sep, 2024

मणिपुर में हिंसा फिर से शुरू हो गई है। ड्रोन से हमले किए जा रहे हैं और उपद्रवी रॉकेट बनाकर लोगों को निशाना बना रहे हैं। जानिए, केंद्र सरकार क्या कर रही है?
मणिपुर में हुई यौन हिंसा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, यौन यातनाओं का क्रम अभी भी जारी है। सुरक्षा बलों के हज़ारों की संख्या में हथियार लूटे जा चुके हैं, अमानवीयता अपने चरम पर है और पिछले 17 महीनों से भारत के प्रधानमंत्री इस संबंध में कायरतापूर्ण चुप्पी धारण किए हैं, मानो उनकी यह चुप्पी कोई आभूषण हो। जब अपने ही देश का एक हिस्सा महीनों से जल रहा हो, शांति और सुरक्षा विलुप्त हो चुकी हो, क़ानून और प्रशासन शब्दों का नाम भी कोई लेने वाला ना हो तब भारत के प्रधानमंत्री का चुप रहना प्रश्न खड़े करता है। सवाल यह है कि अपने तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री की गद्दी पर बैठे नरेंद्र मोदी के पास क्या ऐसा समस्याओं का हाल निकालने का कौशल नहीं है? क्या वो हाल निकालने में ख़ुद को अक्षम महसूस कर रहे हैं? या फिर मणिपुर को शांत करने की उनकी नीयत ही नहीं है? एक नागरिक के तौर पर मणिपुर की दुर्दशा देखकर मैं अपने अंदर कैसे गर्व महसूस करूँ?