दिवाली के अगले दिन जब भारत की राजधानी दिल्ली ने आँखें खोलीं तो उसे वायु प्रदूषण का ख़तरनाक स्तर देखने को मिला। प्रकाश और ज्ञान के पर्व को, शोर और धुएँ के ज़हर में बदलने को कुछ लोग धार्मिक आस्था और स्वतंत्रता से जोड़कर देखने की ज़िद कर रहे हैं। ये उनकी ही ज़िद और ज़बरदस्ती का परिणाम है कि दिल्ली में हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन की निर्धारित सीमा से लगभग 14 गुना अधिक प्रदूषित पायी गई।