संसदीय लोकतंत्र तभी सशक्त होता है जब सरकार और विपक्ष दोनों की आवाज़ें सुनी जाएं। लेकिन क्या यह संतुलन अब खतरे में है? इस वीडियो में हम विपक्ष के नेता राहुल गांधी के उस विस्फोटक बयान पर गहराई से चर्चा करेंगे, जिसमें उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पर सदन में उन्हें चुप कराने का आरोप लगाया है। राहुल का दावा है कि पिछले 7-8 दिनों से उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा, जो हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों की निष्पक्षता और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।