पारिवारिक पृष्ठभूमि से लेकर अपने लंबे पत्रकार जीवन में हल्का दक्षिणपंथी रुझान रखने वाले अपने एक वरिष्ठ साथी ने मध्य प्रांत सरकार का 1938 का एक परिपत्र भेजकर दो सवाल पूछे हैं। मध्य प्रांत और बेरार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव द्वारा राज्य के बड़े अधिकारियों के नाम भेजे इस परिपत्र में निर्देश दिया गया है कि भविष्य में ‘मिस्टर गांधी’ को महात्मा गांधी कहा जाए। इस परिपत्र के साथ यह निर्णयात्मक वाक्य लिखने कि ‘मोहनदास को महात्मा बनाने का आदेश ही ब्रिटिश सरकार का था’ के बाद वे यह भोला सा सवाल पूछते हैं कि क्या यह कोई षडयन्त्र है या इसके पीछे कोई कहानी है।