दिल्ली दंगों की जाँच में भारी गड़बड़ी । अदालत नाराज । अदालत ने कहा कि ऐसी जाँच से लोकतंत्र की आत्मा को तकलीफ़ पहुँचती है । आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है ? ये जानने के लिये आशुतोष ने मशहूर वकील प्रशांत भूषण से ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।