इंडियन एक्सप्रेस का बड़ा खुलासा । बीजेपी में शामिल होने के बाद 25 में के 23 भ्रष्टाचारियों के मामले या त बंद या जाँच ठंढे बस्ते में । ऐसा क्यों होता है ? क्या यही है मोदी का भ्रष्टाचार से लड़ने का तरीक़ा ? आशुतोष के साथ चर्चा में शीतल पी सिंह, विवेक देशपांडे और फ़िरदौस मिर्ज़ा
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।