हाथरस की घटना पर क्या सोचता है दलित समाज? क्यों सवर्ण समाज अपने को पीड़ित महसूस कर रहा हैं? दलित चिंतक चंद्रभान प्रसाद से आशुतोष की चर्चा।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।