उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लॉकडाउन के चलते दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का फ़ैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश के ऐसे श्रमिक, कामगार तथा मजदूर बहन-भाई, जो अन्य राज्यों में रहते हैं और 14 दिन की क्वारंटीन की अवधि पूरी कर चुके हैं, उन्हें वापस उनके घर तक पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसे लोगों की राज्यवार सूची तैयार करने सहित चरणबद्ध कार्ययोजना तैयार करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में वापस लाए जाने से पहले इन श्रमिकों, कामगारों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग कराई जाएगी और इसके बाद बस द्वारा सभी को इनके जनपदों में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रमिक और कामगार बंधु जिस जनपद में जाएंगे, वहां भी 14 दिन क्वारंटीन का समय पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि 14 दिन का क्वारंटीन पूरा करने के बाद सबको राशन किट व ₹1000 के भरण-पोषण भत्ते के साथ होम क्वारंटीन के लिए घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि शेल्टर होम/आश्रय स्थल को सैनिटाइज कर सभी के लिए ताजे व भरपेट भोजन की व्यवस्था की जाए।
ग़ौरतलब है कि मुंबई, दिल्ली तथा अन्य महानगरों में फंसे प्रवासी मजदूर कई दिनों से उन्हें उनके घर भेजे जाने की मांग कर रहे हैं। लॉकडाउन के तुरंत बाद दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों का हूजूम उमड़ा था। इसके बाद योगी सरकार ने उन्हें उनके घर पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की थी। हाल ही में राजस्थान के कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों को लाने के लिए भी योगी सरकार ने 300 से ज़्यादा बसें भेजी थीं।
कुछ दिन पहले मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर हज़ारों की संख्या में प्रवासी मजदूर इकट्ठा हो गए थे और उन्होंने उन्हें उनके घर भेजे जाने की मांग की थी। यही हालात गुजरात के सूरत में भी देखने को मिले थे और विभिन्न राज्यों के प्रवासी मजदूरों ने घर भेजे जाने की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया था। प्रवासी मजदूरों द्वारा लगातार यह मांग उठाए जाने के बाद योगी सरकार को उन्हें वापस लाने का फ़ैसला लेना पड़ा है।
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